पीएम नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए विपक्ष हर नुकसान सहने को तैयार, साथ आए सारे दल

शरद पवार के घर चली महाबैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल थे. एक दिन में ये दूसरी दफा है जब पूरा विपक्ष एकजुट हुआ है.

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शरद पवार के घर विपक्ष की बैठक. शरद पवार के घर विपक्ष की बैठक.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:32 AM IST

2019 के आम चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ सारे दल गोलबंदी कर रहे हैं. आज दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रैली में पूरा विपक्ष उमड़ा था, तो रात में एनसीपी नेता शरद पवार के घर सारे बड़े नेताओं ने बैठक की. 

शरद पवार के घर चली इस महाबैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मौजूद रहे. एक दिन में ये दूसरी दफा है जब पूरा विपक्ष एकजुट हुआ है.

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बैठक के बाद सभी नेता मीडिया के सामने आए. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि आज धरने के बाद सभी लोग मिले. मोदी जी ने जिस प्रकार पिछले पांच साल में भाईचारे को नुकसान पहुंचाया है, ऐसे में मोदी और शाह को हटाने के लिए सभी को साथ आना होगा. राहुल गांधी ने कहा कि आज अच्छे माहौल में बातचीत हुई है. बैठक अच्छी रही है. संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं. एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जाएगा. हालांकि राहुल ने दिल्ली में आप और बंगाल में टीएमसी से गठबंधन का सवाल टाल गए और कहा कि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि हम सभी का उद्देश्य मोदी सरकार को हटाना है. 

वहीं शरद पवार ने कहा कि अभी कुछ भी फाइनल नहीं है. लेकिन एक बेहतर दिशा में अच्छा कदम उठाया गया है. उन्होंने बताया कि 26 फरवरी को एक बार फिर सभी दल मिलकर बात करेंगे. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि एक अच्छे माहौल में बातचीत हुई है. एक अच्छा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया जाएगा, जिस पर काम किया जा सके.

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इससे पहले मुंबई के दादर में आज दोपहर एनसीपी नेता अजीत पवार ने मनसे नेता राज ठाकरे से मुलाकात की थी. माना जा रहा कि 90 मिनट तक राज ठाकरे से इस मुलाकात का मकसद बीजेपी के खिलाफ किसी भी तरह वोट कटने से बचाने की कवायद है.

इससे पहले दिन में जंतर-मंतर में अरविंद केजरीवाल की रैली में विपक्ष की हर पार्टी पहुंची. कांग्रेस की तरफ से आनंद शर्मा गए थे. इसके अलावा लेफ्ट पार्टियां भी थीं. इस रैली में सबसे बड़े चेहरे के तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी थीं, जिन्हें इस रैली के स्टार के तौर पर लाया गया था.

अभी तक राहुल गांधी सीधे तौर पर ममता बनर्जी और केजरीवाल के साथ नहीं आए हैं, लेकिन ये पहली बार है कि राहुल गांधी भी विपक्ष की इस बैठक में खुलकर साथ निभाने आए हैं. खास बात ये है कि कुछ घंटे पहले ही ममता बनर्जी ने कांग्रेस से साफ कहा था कि सभी दल मोदी सरकार को हटाने के लिए अपने स्वार्थ को छोड़ दें. मोदी सरकार को हराने के लिए सभी दलों को अपने-अपने घरों यानि जो जहां मजबूत है, सिर्फ वहीं लड़े.

ममता ने कांग्रेस के लिए खासतौर से कहा था कि अगर कांग्रेस एमपी, राजस्थान छत्तीसगढ़ में मजबूत है तो वहां लड़े. टीएमसी पश्चिम बंगाल में मजबूत है तो वो वहीं लड़ेगी. यूपी में सपा-बसपा मजबूत है तो वे यूपी में लड़ें.

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