नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान या बंदूक से भी ज्यादा उन लोगों से खतरा है जो राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने की कोशिश में लगे हुए हैं. अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में कुंड घाटी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य जिस चुनौती से गुजर रहा है, उसको देखते हुए लोगों को लोकसभा में अपना नेता चुनते समय सही फैसला लेना चाहिए.
अब्दुल्ला ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर को पड़ोसी देश या बंदूक से भी ज्यादा उन ताकतों से खतरा है जो राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.’ अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 और 35-ए का हवाला दे रहे थे. इन दोनों अनुच्छेद में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में रहने के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाने में नाकाम रहे. अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर दामहाल हांजीपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मोदी वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाने में नाकाम रहे. जम्मू कश्मीर के लोग उन्हें (मोदी को) जम्हूरियत, इंसानियत और कश्मीरियत के शब्दों को पूरा करते नहीं देख पाए.’
नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के लोगों ने मोदी को अपने वादों को पूरा करते नहीं देखा. उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें ‘वाजपेयी फार्मूला’ की शेखी बघारते देखते हैं लेकिन उन्होंने पिछले पांच सालों में इसे जमीन पर क्यों नहीं उतारा. वह हमारे राज्य के लोगों के साथ इंसाफ करते हुए भी नजर नहीं आए. उलटे, जितना प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हमारे राज्य के लोग ने दर्द झेला, उतना इतिहास में कभी नहीं झेला.’ अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमेशा कहा है कि (भारत पाक) वार्ता कश्मीर मुद्दे के समाधान का एकमात्र रास्ता है.
दूसरी ओर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर अनुच्छेद 370 को कमजोर करने का आरोप लगाया. यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देता है. महबूबा ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने 2008 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड को हजारों कनाल जमीन देकर कर अनुच्छेद 370 को कमजोर किया था और एनसी ने 1975 में वजीर-ए-आजम और सदर-ए-रियासत का खिताब खत्म कर दिया था.
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि यह उनकी पार्टी थी, जिसने बीजेपी के साथ राज्य में गठबंधन सरकार के दौरान अनुच्छेद 370 और 35ए को बचाया था. महबूबा अनंतनाग संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं, जहां तीन चरणों में होने वाले मतदान का पहला चरण 23 अप्रैल को हुआ था. अनंतनाग में दूसरे चरण का मतदान 29 अप्रैल को हुआ और तीसरे और अंतिम चरण का मतदान छह मई को होना है. महबूबा के सामने मुख्य चुनौती कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर और एनसी उम्मीदवार रिटायर्ड जज हसनैन मसूदी से है.
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