सांसदों से बोले मोदी- घर में कोई भी पूजा पद्धति हो, बाहर भारत माता ही ईष्ट हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के लक्ष्य को अपनी नई सरकार के मूल मंत्र के तौर पर पेश किया. मोदी ने कहा कि भारत आशा का किरण बना हुआ है. उसके लिए हमें संयुक्त प्रयास करना होगा.

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पीएम नरेंद्र मोदी पीएम नरेंद्र मोदी

टीके श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2019,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST

संसद के सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के लक्ष्य को अपनी नई सरकार के मूल मंत्र के तौर पर पेश किया. मोदी ने कहा विश्व की भारत से अपेक्षाएं हैं और उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें समृद्धि लानी होगी. विश्व में भारत आशा की किरण बना हुआ है. इसके लिए हमें संयुक्त प्रयास करने होगा. दो चीजें कम रह जाएं तो देश नाराज नहीं होता है, बस विश्वास होना चाहिए कि हम सही दिशा में कोशिश कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि घर में कोई भी पूजा की पद्धति हो, लेकिन घर से बाहर निकलते ही भारत माता ही ईष्ट हैं.

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छल में छेद करना है

इससे पहले मोदी ने अपने संबोधन ने कहा कि देश पर इस गरीबी का जो टैग लगा है, उससे देश को मुक्त करना है. गरीबों के हक के लिए हमें जीना-जूझना है, अपना जीवन खपाना है. गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है.

पीएम ने कहा कि दुर्भाग्य से देश की माइनॉरिटी को उस छलावे में ऐसा भ्रमित और भयभीत रखा गया है, उससे अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती. 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है. हमें उनका विश्वास भी जीतना है.

मोदी ने कहा कि जिन्होंने वोट दिया है, वे भी हमारे हैं, जिन्होंने विरोध किया, वे भी हमारे हैं. जिन्होंने आज हमारा विश्वास किया, हम उनके लिए भी है और जिनका हमें विश्वास जीतना है, उनके लिए भी हैं. मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इस देश की हर कौम, जाति, पंथ ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ा था. देश की एकता और अखंडता के लिए संविधान की शपथ लेने वालों का दायित्व है कि उस आजादी की भावना को जिंदा करें.

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उन्होंने कहा कि हमारी दो प्रमुख पटरी है जिस पर एनडीए को देश को आगे लेकर चलना है. इसमें एक नेशनल एम्बिशन: राष्ट्रीय अभिलाषा और दूसरा रिजनल एस्पिरेशन: क्षेत्रीय आकांक्षा है. उन्होंने कहा कि यह अब हमारा नारा है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए सेवा भाव से बड़ा कोई मार्ग नहीं हो सकता. संविधान को साक्षी मानकर हम संकल्प लें कि देश के सभी वर्गों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है. पंथ-जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. हम सबको मिलकर 21वीं सदी में हिंदुस्तान को ऊंचाइयों पर ले जाना है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए गठबंधन की राजनीति को हमें अपने आदर्शों का हिस्सा बनाना पड़ेगा और यह वाजपेयी जी की देश को सबसे बड़ी देन है. उन्होंने कहा कि एनडीए के पास दो महत्वपूर्ण चीजें हैं. एक एनर्जी (ऊर्जा) और दूसरा सिनर्जी (तालमेल).  उन्होंने कहा, एनर्जी-सिनर्जी ऐसा रसायन है, जिससे हम सामर्थ्यवान हुए हैं. भारत के लोकतंत्र के लिए सभी पार्टियों को जोड़कर चलना समय की मांग है.

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