तब विकास-अब विपक्ष, 5 साल में कितने बदल गए वर्धा में मोदी के बोल?

चुनाव से पहले भाजपा ने एक बार फिर हिंदुत्व कार्ड खेला है, जिसे वह आने वाले दिनों में भुना सकती है. नरेंद्र मोदी इससे पहले 2014 चुनाव के दौरान भी वर्धा आए थे, तब और अब के भाषण में काफी अंतर दिखाई पड़ता है. पढ़ें मोदी के 2014 और 2019 के भाषण में कितना बदलाव आया...

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वर्धा रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्धा रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

साहिल जोशी

  • वर्धा, महाराष्ट्र,
  • 02 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

लोकसभा चुनाव 2019 की जंग अब तेज हो गई है, नेताओं के भाषण और बयानबाजी भी अपने चरम पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को महाराष्ट्र के वर्धा में जनसभा को संबोधित किया और हिंदू आतंकवाद के मसले पर कांग्रेस पर निशाना साधा. साफ है कि चुनाव से पहले भाजपा ने एक बार फिर हिंदुत्व कार्ड खेला है, जिसे वह आने वाले दिनों में भुना सकती है. नरेंद्र मोदी इससे पहले 2014 चुनाव के दौरान भी वर्धा आए थे, तब और अब के भाषण में काफी अंतर दिखाई पड़ता है. पढ़ें मोदी के 2014 और 2019 के भाषण में कितना बदलाव आया...

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पीएम ने महाराष्ट्र से खेला हिंदुत्व का कार्ड

महाराष्ट्र के वर्धा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘’क्या कोई हिंदू कभी आतंकवादी हो सकता है? कांग्रेस-एनसीपी वोटबैंक की राजनीति के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं, उन्होंने करोड़ों हिंदुओं को आतंकवादी बता सभी हिंदुओं का अपमान किया है.’’

भाषण में कब-किस पर वार ?

अपने 32 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने कुल 6 मिनट हिंदू के मुद्दे पर बात की. उन्होंने राहुल गांधी को भी उनके केरल की वायनाड सीट से बिना नाम लिए निशाने पर लिया, जब उन्होंने कहा कि कुछ लोग डर के कारण ऐसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जहां पर हिंदू अल्पसंख्यक हैं.

इसके बाद प्रधानमंत्री ने कुल 5 मिनट राष्ट्रवादी पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने शरद पवार की राजनीति, कांग्रेस के साथ और परिवार में चल रही कलह के मुद्दों पर निशाना साधा.

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अगर पीएम के पूरे भाषण को सुनें तो उन्होंने आधे से अधिक समय तक आतंकवाद, एयरस्ट्राइक, राष्ट्रवाद और पाकिस्तान के मुद्दे पर बात की. गौर करने वाली बात ये भी है कि पीएम ने अपने भाषण में सबसे कम समय अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने और वर्धा से जुड़े मुद्दों पर बात करने पर बिताया.

महाराष्ट्र के इस इलाके में किसानों की आत्महत्या बड़ा मुद्दा रही है, एक आंकड़े के मुताबिक इस क्षेत्र में अभी तक करीब 14000 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं. पीएम ने अपने भाषण के सिर्फ 3 मिनट किसान, उनकी सरकार के द्वारा किसानों के लिए किए गए काम पर बात की. प्रधानमंत्री के भाषण की शुरुआत A-SAT लॉन्च के साथ हुई और फिर पूरा भाषण हिंदुत्व के मुद्दे पर ही केंद्रित रहा.

2014 के भाषण में क्या था खास?

पिछले लोकसभा चुनाव में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे तब भी उन्होंने वर्धा में सभा की थी और उनका वो भाषण अब के भाषण से काफी अलग था. 20 मार्च 2014 को दिए गए 32 मिनट के भाषण में तब 18 मिनट तक किसानों के मुद्दे पर बात की थी और तब की यूपीए सरकार की आलोचना की थी.

किसानों के मुद्दे पर राजनीति की बात हो, आत्महत्या का मुद्दा या फिर गुजरात का उदाहरण देने की पीएम ने किसानों के मुद्दे पर भरपूर बात की थी. इसके अलावा जवान और आतंकवाद पर पीएम ने ढाई मिनट जिनमें अधिकतर OROP की बात थी. बाकी दस मिनट कांग्रेस-एनसीपी पर सीधा निशाना साधते हुए और कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को बुलंद करते हुए भाषण दिया था.

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2019 में वर्धा में पीएम मोदी का भाषण

कांग्रेस-विपक्ष पर हमला – 8 मिनट

शरद पवार पर हमला – 5 मिनट

हिंदुओं के मुद्दे पर बात – 6 मिनट

किसानों के मुद्दे और विकास पर बात – 3.5 मिनट

आतंकवाद-एयरस्ट्राइक-राष्ट्रवाद पर बात – 3.5 मिनट

A-SAT लॉन्च पर बात – 2 मिनट

2014 में वर्धा में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी का भाषण

किसानों का मुद्दा और विकास – 18 मिनट

आतंकवाद और जवानों का मुद्दा – 2 मिनट

विपक्ष और कांग्रेस पर वार – 10 मिनट

वोटों की मांग और सामान्य मुद्दे – 2 मिनट

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