नरेंद्र मोदी को बीजेपी और एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है. जिसके बाद उन्होंने अपने संबोधन में अपने सांसदों और नेताओं को बड़बोले बयानों से बचने की नसीहत दी.
नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'आजकल ऑफ द रिकॉर्ड कुछ भी नहीं होता है. लोग आपके बयान को रिकॉर्ड कर सकते हैं.' नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमारी बोली हमें संकट में डाल देती है. मीडिया को नमूनों के बारे में पता होता है. इसलिए वो उनके पास चले जाते हैं क्योंकि मीडिया को पता होता है कि वह कुछ न कुछ तो बोलेंगे ही.'
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो बड़बोले होते हैं वो कुछ भी बोल देते हैं. किसी के बोलने से हमारी परेशानी बढ़ जाती है. ऐसे में आगे के लिए बड़बोले बयान से बचना चाहिए. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि छपास और दिखास से बचना चाहिए. छपास का मतलब छपने का मोह और दिखास का मतलब टीवी पर दिखने का मोह. इससे अगर बचकर चलते हैं तो बहुत कुछ बचा सकते हैं.
साथ ही नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में कहा कि प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को और बढ़ा देता है. चुनाव दूरियां पैदा कर देता है, दीवार बना देता है. लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवार तोड़ दी और दिलों को जोड़ा है. यह चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया है. इसके अलावा पीएम ने कहा कि दिल्ली में आकर अच्छे-अच्छे फंस जाते हैं. कोई भी मंत्री बनने के नाम पर बहकावे में न आए. वीआईपी कल्चर से बचकर रहने की भी जरूरत है.
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