इधर नरेंद्र मोदी गुरुवार को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, ऊधर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में धरना-प्रदर्शन करेंगी. उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है. इसे लेकर बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और शिवसेना नेता संजय राउत ने ममता बनर्जी पर तंज कसा है. मनोज तिवारी ने कहा, ममता बनर्जी को शपथ ग्रहण समारोह में आना भी नहीं चाहिए. उनके पास नजर कहां है कि वह लोगों से नजर मिला पाएं.
बयान में तिवारी ने कहा, ''उनको (ममता) को आना भी नहीं चाहिए. जैसे उन्होंने लोकतंत्र में हिंसा करके खून-खराबा किया...उनके पास नजर कहां हैं कि ऐसी सभा में बैठकर लोगों से नजर मिलाएं'' दरअसल पहले ममता बनर्जी ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम के न्योते को स्वीकार कर लिया था. लेकिन बाद में शामिल होने से इनकार कर दिया.
तिवारी के अलावा शिवसेना के संजय राउत ने भी ममता बनर्जी के कार्यक्रम में शरीक न होने पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान जो भी राजनीतिक मतभेद हुए हों, उन्हें इस हद तक लाना सही नहीं है. संजय ने कहा, ''नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और ममता बनर्जी एक राज्य की मुख्यमंत्री. जो भी चुनावों के दौरान मतभेद हुए हों, उसे यहां तक बढ़ाना नहीं चाहिए. यह सही नहीं है.''
जब यह पता चला कि 40 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है, जिनकी पिछले एक साल में कथित रूप से राजनीतिक हिंसा में हत्या कर दी गई तो बनर्जी ने अपना इरादा बदल लिया. उन्होंने कहा, ''लोकतंत्र का जश्न मनाने के अवसर का राजनीतिक नंबर बनाने के लिए अवमूल्यन नहीं किया जाना चाहिए''.
बनर्जी ने एक ट्वीट में लिखा, ''बधाई, नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। मेरी योजना ''संवैधानिक निमंत्रण'' को स्वीकार करने और शपथग्रहण समारोह में शामिल होने की थी. लेकिन पिछले एक घंटे से मैं मीडिया में ऐसे खबरें देख रही हूं कि भाजपा दावा कर रही है कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा में लोगों की हत्या हुई है.''
उन्होंने कहा, ''यह पूरी से गलत है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है. ये मौतें निजी शत्रुता, पारिवारिक झगड़ों और अन्य विवादों के चलते हुई होंगी, इनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है. हमारे पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है.'' लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में 18 सीटें जीत कर हैरतअंगेज प्रदर्शन किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत मिली. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पश्चिम बंगाल में केवल दो सीटें मिली थीं.
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