Exit Poll 2019: पश्चिम बंगाल में टूट गया ममता बनर्जी का तिलिस्म?

2019 के लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल के मुताबिक ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल को बीजेपी भेद रही है. बीजेपी यहां 2014 में दो सीटों से अब 23 सीटों तक छलांग लगाने की स्थिति में है.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी.

नवनीत मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2019,
  • अपडेटेड 10:59 AM IST

लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान के दौरान हिंसक घटनाओं के लिए सुर्खियों में आए पश्चिम बंगाल में एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी का खुश करने वाले हैं तो टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी को परेशान करने वाले. देश के सबसे भरोसेमंद आजतक- एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी को राज्य में 42 में से 19-23 सीटें मिलीं हैं. वहीं ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) को 19-22 सीटें मिलती दिख रहीं हैं.

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इस प्रकार पश्चिम बंगाल में लगातार जनाधार बढ़ाने में जुटी बीजेपी पहली बार चौंकाने वाले प्रदर्शन की स्थिति में आई है. वह 2014 में मिली दो सीटों के मुकाबले इस बार 23 लोकसभा सीट तक हासिल करने की हैसियत में दिख रही है. एग्जिट पोल की मानें तो पश्चिम बंगाल में तीन दशक से भी अधिक समय तक राज करने वाले लेफ्ट का इस बार खाता भी नहीं खुलेगा.

पश्चिम बंगाल की सत्ता लंबे अरसे तक कांग्रेस और वाम दल के कब्जे में रही. 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने 34 वर्षों से शासन कर रही माकपा को सत्ता से उखाड़ फेंका. राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि कांग्रेस के कमजोर होने और लेफ्ट के उम्मीदों पर खरा न उतरने के बाद से यहां की जनता को एक मजबूत विपक्ष की भी जरूरत महसूस हुई तो ये संभावनाएं उन्हें बीजेपी में दिखी.

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यही कारण है कि धीरे-धीरे बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ता गया और अब बीजेपी राज्य में नंबर दो पार्टी बन चुकी है. इस बार पश्चिम बंगाल की ज्यादातर सीटों पर टीएमसी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय लड़ाई की संभावना रही है. मगर एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में लड़ाई टीएमसी और बीजेपी के बीच ही सिमट गई. चुनावी रैलियों में भी ममता और मोदी एक दूसरे पर ही जुबानी हमला बोलने में ज्यादा वक्त खर्च करते नजर आए. इससे यह चुनाव दादा बनाम दीदी का बन गया.

2014 और 2016 में ममता की पार्टी का प्रदर्शन

2014 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस(TMC) को 42 में से 34 सीटें मिलीं थीं, जबकि बीजेपी को सिर्फ दो सीटें, वहीं कांग्रेस को चार और वाममोर्चा को दो लोकसभा सीटें मिलीं थीं. इसचुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को 40 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ था, वहीं बीजेपी को 17, कांग्रेस को 10 और वाममोर्चा को 25 प्रतिशत वोट शेयर मिला था. 2016 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो ममता बनर्जी को कुल 294 में 211 सीटें मिलीं थीं. वहीं 44 सीटें पाकर कांग्रेस को दूसरे स्थान पर थी.

इस बार यानी 2019 में पश्चिम बंगाल में सभी सात चरणों में मतदान हुए थे. मतदान के दौरान कई लोकसभा सीटों पर हिंसक घटनाएं सामने हुईं थीं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान भी उपद्रव हुआ था. इस दौरान समाज सुधारक ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति टूटने की घटना भी एक बड़ा मुद्दा बनी.

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एग्जिट पोल पर क्या बोलीं ममता?

एग्जिट पोल में तृणमूल कांग्रेस के खराब और बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के अनुमान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी भड़क उठीं. उन्होंने ट्वीट कर एग्जिट पोल पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि उन्हें इस पर भरोसा नहीं है. उन्होंने 'मुझे एग्जिट पोल को लेकर होने वाली गपशप पर भरोसा नहीं है.  इस गपशप के जरिए हजारों ईवीएम में हेरफेर करने की आशंका है. विपक्षी दलों से मेरी अपील है कि वे एकजुट, मजबूत रहें. हम यह लड़ाई एकजुट होकर लड़ेंगे.'

भरोसेमंद एग्जिट पोल

आजतक और एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल (Exit Poll) 95 प्रतिशत सही अनुमान देता आया है. अब तक 35 में से 34 एग्जिट पोल सटीक रहे हैं. इस बार देश की सभी 542 सीटों पर 7 लाख से अधिक वोटर्स की राय के आधार पर इस एग्जिट पोल को तैयार किया गया. 2014 के एग्जिट पोल की तुलना में 20 गुना बड़ा सैंपल साइज लिया गया था. 2014 में 36 हजार लोगों से मिले फीडबैक पर ही एग्जिट पोल तैयार किया गया था. इस प्रकार देखें तो बड़ा सैंपल साइज होने से अनुमान के सही होने की संभावना ज्यादा है.

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