झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से एक चतरा लोकसभा सीट पर सबकी नजर होगी. यह सीट लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का गढ़ रही है. यहां उसका मुकाबला बीजेपी से होता है. फिलहाल इस सीट से बीजेपी के सुनील कुमार सिंह सांसद हैं. यह सीट नक्सल प्रभावित जिलों पलामू, चतरा और लातेहर में फैला हुआ है.
चतरा लोकसभा सीट के अन्तर्गत पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से तीन अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावा पिछड़ी जातियों का खास दबदबा है. पलामू, चतरा और लातेहर जिले झारखंड के पिछड़े जिलों में से एक है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
1957 में इस सीट से जनता पार्टी के विजया राजे जीती थीं. विजया राजे 1962 और 1967 का चुनाव भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीती थीं. 1971 में इस सीट से कांग्रेस के शंकर दयाल सिंह जीते. 1977 में जनता पार्टी के सुखदेव वर्मा जीतकर संसद पहुंचे. 1980 में कांग्रेस के रंजीत सिंह जीते.
1989 और 1991 का चुनाव जनता दल के टिकट पर उपेंद्र नाथ वर्मा जीतने में कामयाब हुए. 1996 में पहली बार इस सीट पर बीजेपी का खाता खुला और उसके टिकट पर धीरेंद्र अग्रवाल जीते. 1998 का चुनाव भी धीरेंद्र अग्रवाल बीजेपी के टिकट पर जीते. 1999 में इस सीट से राजद के नागमणि कुशवाहा जीते. 2004 में राजद के टिकट पर धीरेंद्र अग्रवाल तीसरी बार सांसद बने. 2009 में निर्दलीय प्रत्यासी इंद्र सिंह नामधारी जीते. 2014 का चुनाव बीजेपी के सुनील कुमार सिंह जीते.
सामाजिक तानाबाना
चतरा लोकसभा सीट की अधिकांश आबादी गांवों में रहती है और इसमें अधिकतर अनुसूचित जाति के लोग शामिल है. इसके अलावा इस सीट पर पिछड़ी जाति जैसे वैश्य समुदाय की अच्छी तादात है. इस सीट के अंतर्गत चतरा (एससी), लातेहार- (एससी), मनिका (एसटी), सिमरिया (एससी) और पांकी विधानसभा सीट आती है.
2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दो सीटों (चतरा, मनिका), झामुमो ने दो सीटों (लातेहार, सिमरिया) और कांग्रेस ने एक सीट (पांकी) पर जीत दर्ज की थी. इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 13.12 लाख है, इसमें 6.96 लाख पुरुष और 6.16 लाख महिला मतदाता शामिल है. 2014 में इस सीट पर 54 फीसदी मतदान हुआ था.
2014 का जनादेश
मोदी लहर में इस सीट पर बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. बीजेपी के सुनील सिंह ने कांग्रेस के धीरज साहू को हराया था. सुनील सिंह को 2.95 लाख वोट मिले थे, जबकि धीरज साहू को 1.17 लाख वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस के नौशाद आलम करीब 8 हजार वोट पाकर रहे.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
सुनील सिंह की पहचान व्यवसायी और राजनेता के रुप में है. सुनील सिंह ने मगध यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने सोशियोलॉजी में एमए किया हुआ है. वह भारत-कोरिया कोरिया संसदीय मैत्री समूह के प्रेसिडेंट, बीजेपी के व्हीप और झारखंड बीजेपी के महामंत्री भी हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान दिए हलफनामे के मुताबिक, उनके पास 17.47 करोड़ की संपत्ति है. इसमें 1.13 करोड़ की चल संपत्ति है और 16.33 करोड़ की अचल संपत्ति शामिल है. उनके ऊपर 9 लाख की देनदारी है.
जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, सुनील सिंह ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 15.29 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 20.28 करोड़ मिले हैं. इनमें से 4.99 करोड़ रुपए अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने 76 फीसदी अपने निधि को खर्च किया है.
सुनील सिंह का फेसबुक पेज यह और ट्विटर हैंडल यह है.
विशाल कसौधन