केरल की इदुक्की लोकसभा सीटः गढ़ वापस लेने के लिए जोर लगाएगी कांग्रेस

Loksabha Constituency Kerala Idukki केरल की इदुक्की लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. साल 2014 के चुनाव में LDF ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवार जॉइस जॉर्ज को सपोर्ट किया और वह जीत भी गए. इस तरह कांग्रेस का यह गढ़ वाम दलों ने छीन लिया है. तो इस बार कांग्रेस अपना यह गढ़ हासिल करने पर पूरा जोर लगाएगी.

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पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है (फोटो: रायटर्स) पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है (फोटो: रायटर्स)

दिनेश अग्रहरि

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  • 18 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

केरल की इदुक्की लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन साल 2014 में उसका यह गढ़ छिन गया. यहां से फिलहाल निर्दलीय जाॅइस जाॅर्ज सांसद हैं. सबसे पहले 1967 में यहां लोकसभा चुनाव हुए थे, तब यह पीरमेड सीट कहलाती थी. उस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीपीआई के पी.के. वासुदेवन नायर जीते थे. लेकिन इसके बाद यह सीट कांग्रेस का गढ़ बन गई और इस सीट से करीब छह बार कांग्रेस जीत चुकी है. 

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एलडीएफ के समर्थन से जीते थे जाॅर्ज

साल 2009 में यहां से कांग्रेस के पी.टी. थाॅमस विजयी हुए थे, लेकिन 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार एडवोकेट जाॅइस जाॅर्ज जीते. इदुक्की लोकसभा में कुल सात सीटें हैं- थोडुपुड़ा, देवीकोलम, इदुक्की, उदुमबंचोला, पीरमेड, मुवाट्टुपुड़ा, कोतामंगलम. साल 2014 के चुनाव की बात करें तो जाॅइस जाॅर्ज 3,82,019 वोट मिले थे और वह करीब 50 हजार वोटों से जीते थे. उन्हें सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ का समर्थन हासिल था. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डीन कुरयाकोसे को 3,31,477 वोट, बीजेपी के सबु वर्गीज को 50,438 वोट मिले. नोटा (NOTA) बटन 12,338 लोगों को पसंद आया. इस सीट से आम आदमी पार्टी के सिल्वी सुनील को 11,215 और बहुजन समाज पार्टी के अप्पनचिरा पोनप्पम को 2,477 वोट मिले.

क्षेत्र में क्रिश्चियन मतदाताओं की बड़ी आबादी

इदुक्की लोकसभा सीट में केरल के इडुक्की और एर्णाकुलम जिले के इलाके आते हैं. पिछले साल आई बाढ़ में यह जिला सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से था. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस लोकसभा क्षेत्र की जनसंख्या 15,89,821 थी, जिसमें से 89 फीसदी जनसंख्या ग्रामीण और 10.48 फीसदी जनसंख्या शहरी थी. इस जनसंख्या में अनुसूचित जाति का अनुपात 11.14 फीसदी और अनुसूचित जनजाति का अनुपात 4.02 फीसदी है. साल 2014 में इस क्षेत्र में 70.79 फीसदी मतदान हुआ था.

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इदुक्की जिला मध्य केरल के तहत आता है, जिसका मुख्यालय इदुक्की शहर है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस जिले की कुल जनसंख्या 11,08,974 थी, जिसमें से 5,52,808 पुरुष और 5,56,166 महिलाएं थीं. इस जिले का सेक्स रेश्यो प्रति 1000 पुरुषों पर 1006 महिलाएं हैं. जिले की जनसंख्या में 48.86 फीसदी हिंदू, 43.42 फीसदी क्रिश्चियन और बाकी अन्य धर्मावलंबी हैं. इदुक्की जिले में अनुसूचित जाति की संख्या 1,45,486 और अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 55,815 थी. जिले की आमदनी का मुख्य स्रोत खेती ही है.

इसी प्रकार एर्णाकुलम जिला मध्य केरल के तहत आता है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे जिले की जनसंख्या 32,82,388 थी, जिनमें से 16,19,557 पुरुष और 16,62,831 महिलाएं हैं. जिले का सेक्स रेशियो प्रति हजार पुरुषों के मुकाबले 1027 महिलाओं का है. जिले की आबादी में 45.99 फीसदी हिंदू और 38.03 फीसदी क्रिश्चियन हैं.

इस बार हो सकता है कड़ा मुकाबला

कांग्रेस अपने इस गढ़ को छीनने की फिर से कोशिश जरूर करेगी और इसके लिए इस सीट पर किसी मजबूत कैंडिडेट की तलाश की जा रही है. स्थानीय मीडिया में इस बात की चर्चा भी है कि कांग्रेस यहां से दिग्गज नेता और पूर्व सीएम ओमन चांडी को उतार सकती है. हालांकि खुद चांडी इस तरह की खबरों को कयास बता कर ऐसी किसी संभावना को नकारते रहे हैं. तो अगर कांग्रेस ने यहां से किसी दिग्गज को मैदान में उतारा तो मुकाबला काफी कड़ा हो सकता है.

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एक संभावना यह भी है कि यहां से कांग्रेस की सहयोगी पार्टी केरल कांग्रेस (मणि) से अप्पू जाॅन जोसेफ को उतारा जाए. कोट्टयम से सांसद और केरल कांग्रेस के संस्थापक के.एम. मणि के बेटे जोस के मणि को आसानी से राज्यसभा पहुंचाने के एवज में पार्टी कोट्टयम सीट छोड़कर यहां से अपने कैंडिडेट खड़ा कर सकती है.

दूसरी तरफ, सबरीमाला आंदोलन में मिले समर्थन से उत्साहित बीजेपी या एनडीए भी यहां से अपना मजबूत कैंडिडेट उतारने की कोशिश में लग गई है. ऐसी चर्चा है कि बीजेपी अपने सहयोगी भारत धर्म जन सेना (BDJS) को केरल में चार सीटें दे सकती है, जिसमें से एक इदुक्की भी हो सकती है.

किसान आंदोलन से जुड़े युवा सांसद

48 साल के युवा सांसद जाॅर्ज एक एडवोकेट और समाजसेवी हैं और पश्चिमी घाट के कई किसान आंदोलनों में उन्होंने सक्रियता से हिस्सा लिया है. उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा है. उन्होंने बीएससी, एमसडब्ल्यू और एलएलबी किया है. संसद में उनकी उपस्थिति करीब 87 फीसदी रही है. उन्होंने 530 सवाल पूछे हैं और 266 बार बहसों एवं अन्य विधायी कार्यों में हिस्सा लिया है. उन्होंने 9 प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए हैं. पिछले पांच साल में उन्हें ब्याज सहित 21.82 करोड़ रुपए की सांसद निधि मिली, जिसमें से उन्होंने 17.24 करोड़ रुपए खर्च किए.

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