सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का यूटर्न, पत्नी डिंपल को फिर कन्नौज से दिया टिकट

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करीब दो साल पहले ऐलान किया था कि उनकी पत्नी डिंपल यादव साल 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. हालांकि समाजवादी पार्टी ने उनको कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है.

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Akhilesh Yadav with his wife Dimple Akhilesh Yadav with his wife Dimple

राम कृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल यादव को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ाने के अपने ऐलान पर यूटर्न ले लिया है. दरअसल, परिवारवाद का आरोप लगने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने करीब दो साल पहले ऐलान किया था कि उनकी पत्नी साल 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन शुक्रवार को जब समाजवादी पार्टी ने अपने लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की, तो उसमें डिंपल यादव का भी नाम था.

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समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है. दिलचस्प बात यह है कि इस सूची में अभी अखिलेश यादव के नाम को शामिल नहीं किया गया है. अभी तक पार्टी ने इस बात का ऐलान नहीं किया है कि अखिलेश यादव कहां से चुनाव लड़ेंगे? डिंपल यादव को कन्नौज से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से सवाल उठ रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो समाजवादी पार्टी और न ही अखिलेश यादव की ओर से कोई सफाई नहीं आई है.

आपको बता दें कि करीब दो साल पहले परिवारवाद का आरोप लगने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर हमारा परिवारवाद है, तो हम तय करते हैं कि अगली बार हमारी पत्नी डिंपल यादव चुनाव नहीं लड़ेंगी. अखिलेश यादव ने यह बात 24 सितंबर 2017 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सवाल के जवाब में कही थी. इस दौरान अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया था कि अब उनकी पार्टी में परिवारवाद नहीं रहेगा.

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इस दौरान अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर भी परिवारवाद का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी के परिवारवाद को भी देखा जाना चाहिए. डिंपल यादव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की घोषणा को दो साल भी नहीं बीते हैं और उन्होंने यूटर्न ले लिया है.

अखिलेश यादव का यह यूटर्न उस समय सामने आया है, जब लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है और राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों का धड़ाधड़ ऐलान कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को हराने के लिए समूचा विपक्ष एकजुट हो गया है. हालांकि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है.

उत्तर प्रदेश में पहले सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने का ऐलान किया था, जिसको कांग्रेस ने इनकार कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव प्रचार में उतारा, जिसके बाद से यूपी का सियासी समीकरण बदल गया. सूत्रों के मुताबिक अब यूपी में सपा-बसपा गठबंधन कांग्रेस को मनाने में जुटा है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस को सपा-बसपा गठबंधन नौ सीटें देने को राजी है, लेकिन कांग्रेस इसको स्वीकार नहीं कर रही है.

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