नगालैंड लोकसभा सीट : बंपर मतदान, 78 फीसदी लोगों ने डाले वोट

नगालैंड लोकसभा सीट पर इस बार 4 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां 78 फीसदी मतदान हुआ. कांग्रेस की ओर से केएल चिशी, नेशनल पीपुल्स पार्टी के हायुथंग तोंगे के अलावा निवर्तमान सांसद तोखेहो येपथेमी ने नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के टिकट पर अपनी दावेदारी पेश की है.

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फाइल फोटो (ECI) फाइल फोटो (ECI)

सुरेंद्र कुमार वर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST

ईसाई बहुल नगालैंड राज्य की एकमात्र नगालैंड लोकसभा सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी समर्थित सांसद काबिज है. 2018 में नगालैंड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने एनडीपीपी के तोखेहो येपथेमी को अपना समर्थन दिया और वह विजयी रहे थे. यहां पर राष्ट्रीय दलों की तुलना में स्थानीय दलों की मजबूत पकड़ है. राज्य की इस एकमात्र लोकसभा सीट पर गुरुवार को मतदान कराया गया. नगालैंड में बंपर मतदान हुआ जिसमें 78 फीसदी मतदान हुआ. 23 मई को वोटों की गिनती होगी.

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> दोपहर बाद 3 बजे तक यहां पर 68 फीसदी वोटिंग हुई.

> इससे पहले दोपहर 1 बजे तक 57 फीसदी, 11 बजे तक 41 फीसदी वोटिंग हुई थी.

> मतदान की शुरुआत धीमी रही थी, लेकिन धीरे-धीरे इसमें जोर पकड़ता गया और शुरुआती 2 घंटे में यहां पर 21 फीसदी वोटिंग हुई थी. पोलिंग बूथ के आसपास सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं.

नगालैंड लोकसभा सीट पर इस बार 4 उम्मीदवार मैदान में हैं. कांग्रेस की ओर से केएल चिशी, नेशनल पीपुल्स पार्टी के हायुथंग तोंगे के अलावा निवर्तमान सांसद तोखेहो येपथेमी ने नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के टिकट पर अपनी दावेदारी पेश की है. पिछली बार उन्हें बीजेपी का भी समर्थन मिला था. इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में डॉक्टर एमएम थारोमवा कोन्याक मैदान में है.

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2014 का मतदान

साल 2014 में नगालैंड लोकसभा सीट से नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेफियू रियो नेफियू ने जीत दर्ज की थी. हालांकि सूबे में हुए विधानसभा चुनाव के बाद नेफियू रियो ने इस्तीफा दे दिया और नगालैंड के मुख्यमंत्री बन गए. उनके मुख्यमंत्री बनने से यह सीट खाली हो गई थी और फिर 28 मई 2018 को उपचुनाव कराया गया जिसमें बीजेपी के समर्थन वाले एनडीपीपी के उम्मीदवार तोखेहो येपथेमी ने 1,73,746 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.

तोखेहो येपथेमी को 5,94,205 और एनपीएफ के उम्मीदवार अपोक जमीर को 4,20,459 वोट मिले थे, जबकि नोटा के पक्ष में 3,991 वोट पड़े थे. इस उपचुनाव में बीजेपी, एनडीपीपी और पीपल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) ने संयुक्त रूप से नगालैंड सीट पर पूर्व मंत्री तोखेहो येपथेमी को उतारा था, जबकि कांग्रेस ने एनपीएफ उम्मीदवार अपोक जमीर को समर्थन दिया था. 2018 में हुए उपचुनाव में 70 फीसदी वोटिंग हुई थी.

नगालैंड लोकसभा सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुए थे और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में एससी जमीर ने निर्विरोध जीत दर्ज की थी. हालांकि बाद में उन्होंने नगालैंड नेशनलिस्ट ऑर्गनाइजेशन ज्वाइन कर लिया था. 2014 तक इस सीट पर 13 बार चुनाव हुए, जिनमें से 5 बार कांग्रेस को विजय मिली. साल 2014 में नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेफियू रियो सांसद चुने गए थे.

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नगालैंड में 60 सदस्यीय विधानसभा है. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी को 18, बीजेपी को 12 सीटों और नेशनल पीपुल्स पार्टी को 2 सीटों पर जीत मिली. इसके बाद बीजेपी के साथ मिलकर नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने सूबे में सरकार बना ली. वर्तमान में नेफियू रियो सूबे के मुख्यमंत्री हैं. ईसाई बहुल इस लोकसभा सीट पर इस राज्य में हाल ही में जातीय हिंसा देखने को मिली थी. इसके अलावा साल 1950 में विद्रोह भी देखने को मिला था.

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