भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन के बहाने अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि मैंने अपना नाम नहीं बदला. मैंने अपने नाम के आगे चौकीदार नहीं लगाया. मैं ब्राह्मण हूं. उन्होंने कहा कि चौकीदार को आदेश दूंगा कि उसे क्या करना है. तो ऐसे में मैं अपने नाम के आगे चौकीदार नहीं लगा सकता. स्वामी का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बता दें कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन लॉन्च किया था. कैंपेन के तहत पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई नेताओं ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द जोड़ा है. ट्विटर पर पीएम मोदी का नया नाम- चौकीदार नरेंद्र मोदी और अमित शाह का नया नाम- चौकीदार अमित शाह हो गया है. इस कैंपेन की शुरुआत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.
पीएम मोदी ने कहा था, 'हर देशवासी जो भ्रष्टाचार, गंदगी और सामाजिक बुराइयों से लड़ रहा है, वो एक चौकीदार है. भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने वाला हर व्यक्ति चौकीदार है. आज हर भारतीय कह रहा है #मैं भी चौकीदार.' इसके बाद ट्विटर पर #MainBhiChowkidar ट्रेंड करने लगा था. स्वामी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसा बयान देकर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है.
पीएम मोदी और जेटली पर भी बोला था हमला
ये कोई पहला मौका नहीं कि बीजेपी सांसद ने अपनी पार्टी पर निशाना साधा हो. इससे पहले शनिवार को उन्होंने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला बोला था. उन्होंने दावा किया कि न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही वित्त मंत्री अरुण जेटली को अर्थव्यवस्था की जानकारी है क्योंकि वे भारत को पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बताते हैं जबकि भारत इस सूची में तीसरे स्थान पर है.
अपनी टिप्पणियों को लेकर अक्सर विवाद पैदा करने वाले स्वामी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि हमारे प्रधानमंत्री यह क्यों कहते रहते हैं कि पांचवीं सबसे बड़ी...क्योंकि उन्हें अर्थशास्त्र की जानकारी नहीं है और वित्त मंत्री भी अर्थशास्त्र नहीं जानते. हार्वर्ड से अर्थशास्त्र विषय में पीएचडी करने वाले और वहां यह विषय पढ़ाने वाले स्वामी अक्सर जेटली की आलोचना करते रहे हैं.
स्वामी ने कहा कि विनिमय दरों पर आधारित गणना के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर है. उन्होंने कहा कि विनिमय दरें बदलती रहती हैं और रुपये में गिरावट होने के कारण, भारत इस तरह की गणना के आधार पर फिलहाल सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. स्वामी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के आकार की गणना का सही तरीका क्रय शक्ति क्षमता है और इसके आधार पर भारत फिलहाल तीसरे स्थान पर है.
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