केरल की एर्णाकुलम लोकसभा सीटः कांग्रेस के इस गढ़ को तोड़ना मुश्किल

केरल की एर्णाकुलम लोकसभा सीट राज्य की वीआईपी सीटों में आती है. यह पूर्व केंद्रीय मंत्री के.वी. थॉमस का इलाका है. अाजादी के बाद से अब तक यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है और इसे तोड़ना दूसरी पार्टियों के लिए मुश्किल ही रहा है.

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एर्णाकुलम जिले का कोच्च‍ि फोर्ट इलाका प्रमुख पर्यटन स्थल है एर्णाकुलम जिले का कोच्च‍ि फोर्ट इलाका प्रमुख पर्यटन स्थल है

दिनेश अग्रहरि

  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

एर्णाकुलम केरल की वीआईपी लोकसभा सीटों में आता है, क्योंकि यह पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता के.वी. थाॅमस का इलाका है, जो फिलहाल यहां से सांसद भी हैं. यहां 2014 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जानी-मानी पत्रकार अनीता प्रताप को खड़ा किया था, जो चौथे स्थान पर रही थीं.

कांग्रेस का किला

यह सीट कांग्रेस का गढ़ है. आजादी के बाद सबसे पहले 1951 में हुए चुनाव में यह त्रावणकोर-कोचीन सीट के तहत आता था और तब यहां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सी.पी. मैथ्यू विजयी हुए थे. अब तक यहां हुए चुनावों में सिर्फ चार बार माकपा या अन्य कोई कैंडिडेट जीते हैं, बाकी सभी चुनावों में कांग्रेस को विजय मिली है. साल 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस कैंडिडेट के.वी. थाॅमस विजयी हुए थे और फिलहाल यहां के सांसद हैं.

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एर्णाकुलम लोकसभा सीट में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं- परावुर, वाइपिन, एर्णाकुलम, कोच्चि, त्रिपुनिथुरा, त्रिक्काकारा, कलामसेरी.  कोच्चि से बाहर बसे आधुनिक शहर को एर्णाकुलम कहा जाता है. यह एक ऐसा आधुनिक शहर है, जहां शॉपिंग मार्केट, सिनेमा परिसर, औद्योगिक भवन, मनोरंजन पार्क, समुद्री ड्राइव इत्यादि स्थित हैं. यह केरल का वाणिज्यिक और आईटी हब भी है.

साल 2009 में भी कांग्रेस के टिकट पर के.वी. थाॅमस यहां से जीते थे. उन्हें 3,42,845 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर रहे माकपा के सिंधु जाॅय को 3,31,055 वोट मिले थे. बीजेपी के ए.एन. राधाकृष्णन 52,968 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. बीजेपी कैंडिडेट लगातार कई चुनावों से यहां तीसरे स्थान पर रहते हैं.

BJP और AAP ने काटे वोट

साल 2014 के चुनाव की बात करें तो कांग्रेस नेता के.वी. थाॅमस 3,53,841 वोट पाकर विजयी हुए थे. दूसरे स्थान पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार क्रिस्टी फर्नांडीज को 2,66,794 वोट हासिल हुए, जबकि तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी कैंडिडेट ए.एन राधाकृष्णन को 99,003 वोट मिले. आम आदमी पार्टी की अनीता प्रताप को 51,517 वोट मिले, जबकि नोटा (NOTA) को 9,735 वोट मिले. अनीता प्रताप एक जानी-मानी टीवी पत्रकार और लेखिका हैं. बहुजन समाज पार्टी के के.सी. कार्तिकेयन को महज 2,685 वोट मिले थे. प्रो. के.वी. थाॅमस ने एमएससी तक पढ़ाई की है और उन्होंने अपने पास 1,25,76,935 रुपए की संपत्ति घोषित की थी.

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91 फीसदी आबादी शहरी

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक एर्णाकुलम संसदीय क्षेत्र की जनसंख्या 16,54,189 थी जिसमें से 91.28 फीसदी शहरी इलाकों और 8.72 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं. इनमें से 7.28 फीसदी अनुसूचित जाति के और 0.37 फीसदी लोग अनुसूचित जनजाति के हैं.

एर्णाकुलम जिला मध्य केरल के तहत आता है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे जिले की जनसंख्या 32,82,388 थी, जिनमें से 16,19,557 पुरुष और 16,62,831 महिलाएं हैं. जिले का सेक्स रेशियो प्रति हजार पुरुषों के मुकाबले 1027 महिलाओं का है. जिले की आबादी में 45.99 फीसदी हिंदू और 38.03 फीसदी क्रिश्चियन हैं. जिले की साक्षरता दर 95.89 फीसदी है. जिले के लोगों की आमदनी का मुख्य स्रोत खेती ही है.

साल 2014 के चुनाव में एर्नाकुलम में कुल 11,56,467 मतदाता थे, जिनमें से 5,65,809 पुरुष और 5,90,658 महिला मतदाता थीं.

इस बार दिलचस्प होगा मुकाबला!

इस बार यहां से माकपा के टिकट पर अभिनेता ममूटी के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है. वह कैराली टीवी चैनल के चेयरमैन हैं और राज्य के सीपीएम नेताओं से उनके करीबी रिश्ते हैं. सीपीएम असल में कांग्रेस के इस गढ़ से कोई मजबूत उम्मीदवार तलाश रही है.

सबरीमाला आंदोलन से राज्य में बीजेपी को कुछ फायदा मिलता दिख रहा है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक कांग्रेस द्वारा हाल में कराए गए एक आंतरिक सर्वे से यह चैंकाने वाली खबर मिली है, कि कांग्रेस की सीटें पहले से कुछ कम हो सकती हैं. लेकिन जिन सीटों पर कांग्रेस अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त है, उनमें से एक एर्णाकुलम भी है.

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अध्यापन से राजनीति का सुनहरा सफर

72 वर्षीय थाॅमस पांचवीं बार सांसद बने हैं. उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी हैं. केमिस्ट्री से एमएससी करने वाले थाॅमस एक प्रोफेसर, ट्रेड यूनियन आंदोलनकारी, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उन्होंने करीब 33 साल तक अध्यापन किया है. उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा किताबें लिखी हैं.

संसद में उनके प्रदर्शन की बात करें तो उपस्थिति करीब 74 फीसदी रही है. उन्होंने 281 सवाल पूछे हैं और 40 बार बहस या अन्य कार्यों में हिस्सा लिया है. सांसद निधि के तहत उन्हें ब्याज सहित 18.81 करोड़ रुपए मिले, जिसमें से उन्होंने 17.55 करोड़ रुपए खर्च किए. वह यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान कृषि और खाद्य, उपभोक्ता एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे हैं.

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