बिष्णुपुर सीट पर 84.30% वोटिंग, माकपा और टीएमसी में है सीधा मुकाबला

पश्चिम बंगाल की बिष्णुपुर लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में कुल 9 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस पार्टी से खान नारायण चंद्र, तृणमूल कांग्रेस से श्याम संत्रा, भारतीय जनता पार्टी से खान सौमित्र चुनाव लड़ रहे हैं. 12 मई को मतदान के बाद 23 मई को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.

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सांकेतिक तस्वीर (Courtesy- Getty Images) सांकेतिक तस्वीर (Courtesy- Getty Images)

राम कृष्ण

  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2019,
  • अपडेटेड 10:27 AM IST

पश्चिम बंगाल की बिष्णुपुर लोकसभा सीट पर छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान संपन्न हो गया. इस चरण में बिष्णुपुर समेत 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे और इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई. चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट एप के मुताबिक इस सीट पर 84.30 फीसदी मतदान दर्ज किया गया.

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बिष्णुपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने खान नारायण चंद्र, तृणमूल कांग्रेस ने श्याम संत्रा, भारतीय जनता पार्टी ने खान सौमित्र, माकपा ने खान सुनील, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट ने अजीत कुमार बौरी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट रेड स्टार ने जितेंद्र नाथ रॉय और बहुजन मुक्ति पार्टी ने बसुदेब सिकारी को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर कुल 9 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. 12 मई की वोटिंग के बाद 23 मई को वोटों की गिनती होगी और चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे.

यहां पढ़ें लोकसभा चुनाव के छठे चरण से जुड़ी हर बड़ी अपडेट

बिष्णुपुर पश्चिम बंगाल का एक महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है. पहले इसे विष्णुपुर के नाम से जाना जाता था. इस संसदीय सीट का गठन 1962 में हुआ था. परंपरागत रूप से देखा जाए तो पूरे देश की तरह पश्चिम बंगाल की इस सीट पर भी कांग्रेस का सांसद जीतता रहा है, लेकिन बाद में इस सीट पर सीपीआई (एम) का कब्जा हो गया.

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साल 2014 में जब हिंदी पट्टी में मोदी लहर चल रही थी, तब भी पश्चिम बंगाल में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम में ही लड़ाई चल रही थी. वहीं ट्रेंड इस लोकसभा सीट पर भी कायम रहा. बिष्णुपुर संसदीय क्षेत्र एक तरफ से बर्धवान और एक तरफ बांकुरा जिले से घिरा हुआ है. यह संसदीय क्षेत्र टेराकोटा मंदिर के लिए भी जाना जाता है. इस बार तृणमूल कांग्रेस के श्याम संत्रा को हराने के लिए बीजेपी पुरजोर कोशिश कर रही है. पिछले चुनाव में सीपीएम यहां दूसरे नंबर पर रही थी इसलिए यहां लड़ाई त्रिकोणीय होने का अनुमान है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

साल 1962 और 1967 के चुनाव में यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पशुपति मंडल ने चुनाव जीता. इसके बाद सीपीएम ने यह सीट कांग्रेस से छीन ली. 1971, 1977, 1980 और 1984 में यहां सीपीएम के अजीत कुमार साहा जीते. पूरे देश में जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस की हर चल रही थी पश्चिम बंगाल में उसका कोई खास असर नहीं देखा गया. 1989 और 1991 में यहां से सीपीएम के सुकेंदु खान विजयी रहे.

साल 1996, 1998 और 1999 में यहां से सीपीएम के संध्या बौराई को विजय मिली. 2004 और 2009 में यह सीट सीपीएम के पास ही रही. और यहां से सुष्मिता बौराई को जीत मिलती रही. 2014 में यहां से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सौमित्र खान ने विजय हासिल की.

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सामाजिक ताना बाना

बिष्णुपर संसदीय क्षेत्र पश्चिम बंगाल के बांकुरा और बर्धमान जिले में आता है. 2011 की जनगणना  के अनुसार यहां की कुल आबादी 20 लाख 90 हजार 451 है. इसमें 93.73 फीसदी आबादी ग्रामीण है, जबकि 6.27 फीसदी आबादी शहरी है. अनुसूचित जाति और जनजाति का रेश्यो यहां पर 37 और 3.65 फीसदी है. 2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां मतदाताओं की संख्या 15 लाख 57 हजार 478 है.

इस संसदीय क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं.

1-बजोरा से CPM के सुजीत चक्रबर्ती जीते हैं.

2- ओंडा से AITC के अरूप कुमार विधायक हैं.

3-बिष्णुपुर से AITC के कांति भट्टाचार्य को विजय मिली है.

4-कातुलपुर (एससी) से AITC के श्यामल संत्रा विधायक हैं.

5- इंडास (एससी) से AITC के गुरपदा मेते विधायक हैं.

6- सोनामुखी (एससी) से CPM के अजीत रे जीते हैं.

7- खंडाघोष (एससी) से AITC के रबींद्र चंद्रबाग विधायक हैं.

कैसा रहा 2104 का चुनाव

2103 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्राधनमंत्री पद का दावेदार घोषित किया. इसके बाद से मोदी ने पूरे देश में रैलियों का झड़ी लगा दी. बीजेपी को भरोसा था कि वह पश्चिम बंगाल में भी परचम लहरा देगी लेकिन ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के रथ को पश्चिम बंगाल में रोक दिया. बिष्णुपुर में भी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सोमित्र खान बिजयी रहे.  उन्होंने सीपीएम के सुष्मिता बौराई को हराया.

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ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सोमित्र खान को 578870 वोट मिले तो सीपीएम को 429185 वोट मिले. 2014 के चुनाव में यहां 86.72 फीसदी वोटिंग हुई थी जबकि 2009 में 85.16 फीसदी. 2104 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 45.51 फीसदी, सीपीएम को 33.74 फीसदी और बीजेपी क 14.11 फीसदी और कांग्रेस को मात्र 2.13 फीसदी वोट मिले थे. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सौमित्र खान यहां से सांसद हैं.

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