बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट 2019: पिछले चुनाव से 6.5% कम वोटिंग दर्ज

लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण के फेज में 97 सीटों पर चुनाव होना था, लेक‍िन 2 सीटों पर चुनाव न‍िरस्त होने के बाद 95 सीटों पर चुनाव हुआ. इन 12 राज्यों में से एक कर्नाटक की बेंगलुरु उत्तर लोकसभा संसदीय सीट पर कृष्ण बायरे गौड़ा कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं वहीं बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है. इससे साफ है कि इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई हैं.

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परिवार के साथ मतदान करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा परिवार के साथ मतदान करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा

वरुण शैलेश

  • बेंगलुरु उत्तर,
  • 18 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में 12 राज्यों की 95 सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान‍ कि‍या गया. ताजा आंकड़ों के अनुसार इन 12 राज्यों में से एक कर्नाटक की 14 सीटों पर औसत 68.55 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. वहीं प्रदेश की बेंगलुरु उत्तर लोकसभा संसदीय सीट पर 50.03 फीसदी मतदान किया गया. यहां पर 2014 में 56.53 फीसदी मतदान हुआ था.

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2019 के चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं. उत्तर बेंगलुरु सीट पर दोनों दलों ने संयुक्त उम्मीदवार उतारा है. कृष्ण बायरे गौड़ा कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं वहीं बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है. इससे साफ है कि इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है. चूंकि जेडीएस कांग्रेस का समर्थन कर रही है लिहाज बीजेपी की चुनौती भी कम नहीं है.

लोकसभा चुनाव अपडेट्स

लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण के फेज में 97 सीटों पर चुनाव होना था लेक‍िन 2 सीटों पर चुनाव न‍िरस्त होने के बाद 95 सीटों पर चुनाव हुआ. दूसरे चरण में 15.52 करोड़ वोटर्स हैं ज‍िनमें से पुरुष वोटर्स की संख्या 7.89 करोड़, मह‍िला वोटर्स की संख्या 7.63 करोड़ और थर्ड जेंडर के 11, 030  वोटर्स हैं. इस चरण में 1,611 उम्मीदवारों का भव‍िष्य दांव पर लगा है. मतदान के ल‍िए कुल 1, 76, 441 पोल‍िंग स्टेशन बनाए गए हैं.

कर्नाटक की 28 सीटों में से 14 सीटों पर दूसरे चरण में मतदान हुआ. दूसरे चरण में कुल 2, 63, 38, 277 वोटर्स हैं. इन 14 सीटों को जीतने के ल‍िए 241 उम्मीदवार चुनाव मैदान पर हैं. मतदान के ल‍िए 30,410 पोल‍िंग स्टेशन बनाए गए. 

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बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट कर्नाटक राज्य की अहम सीट है. यह सीट राज्य की सबसे बड़ी और देश की तीसरी सबसे बड़ी लोकसभा सीट है. इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा यहां से सांसद हैं. जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) ने बेंगलुरु उत्तर सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने के बजाय कांग्रेस के प्रत्याशी का समर्थन कर रही है. दोनों पार्टियों के बीच सीट समझौते की व्यवस्था के तहत, कांग्रेस यहां से 20 सीटों के बदले 21 लोकसभा सीटों और जेडीएस आठ के बदले सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

इस बीच, कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि, ‘मैं बेमन से चुनाव नहीं लड़ रहा हूं’नहीं हैं. बेंगलुरु उत्तर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बायरे गौड़ा पर उनके आलोचक बेमन से चुनाव में उतरने का आरोप लगा रहे हैं. बायरे गौड़ा ने बताया, बीजेपी कहानियां गढ़ने में माहिर है कि मैं बेमन से चुनाव लड़ रहा हूं, जो जीतना नहीं चाहता है. मैं इस तरह के बयान को अपमान मानता हूं क्योंकि नौटंकी करने के लिए चुनाव लड़ना खुद को धोखा देना है.

असल में, अनिच्छुक उम्मीदवार की धारणा तब बनी जब सीट बंटवारा समझौते के तहत बेंगलुरु उत्तर सीट शुरू में जेडीएस को आवंटित की गई. बहरहाल, जडीएस ने इसे कांग्रेस को उपहार में दे दिया जिसे शुरू में उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिले और फिर उसने मंत्री बायरे गौड़ा को मैदान में उतारा.

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2014 का जनादेश

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में देशभर की ज्यादातर सीटों की तरह बेंगलुरु उत्तर सीट पर बीजेपी का परचम लहराया था. बीजेपी के सदानंद गौड़ा को यहां की जनता ने 2014 में विजयी बनाया. उन्होंने कांग्रेस के सी नारायणसामी को करीब 2.3 लाख वोटों से हराया और केंद्र में मंत्री पद भी हासिल किया. गौड़ा के पक्ष में 7 लाख से ज्यादा वोट पड़े जबकि कांग्रेस यहां 4.88 लाख वोटों पर सिमट गई. जेडीएस, आम आदमी पार्टी और बसपा क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवे पायदान पर रहीं. इस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 56 के करीब रहा था.

इस लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 8 लोकसभा सीटों में से 5 पर कांग्रेस का ही कब्जा है. इस लिहाज से बीजेपी के लिए फिर से यहां जीत दर्ज करना मुश्किल होगा, क्योंकि सूबे में फिलहाल कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन की सरकार है. लंबे समय तक यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस पर ही भरोसा जताया है लेकिन पिछले तीन चुनाव से वोटिंग पैटर्न में बदलाव आया है.

बहरहाल, इस सीट को अलग-अलग नामों से जाना जाता रहा है. 1957 से 1962 के चुनाव में यह सीट बेंगलुरु शहर के नाम से जानी गई जबकि पहले इसे बेंगलुरु उत्तर का ही नाम दिया गया था. इस सीट पर 1951 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के केशव लिंगर को जीत मिली थी. तब से लेकर साल 1996 तक यानी 45 साल इस सीट पर लगातार कांग्रेस को जीत मिलती रही. पहली बार 1996 में जनता दल के सी नारायणसामी ने बेंगलुरु उत्तर सीट पर जीत दर्ज की. इसके बाद से यहां पर बीजेपी का खाता खुलना शुरू हुआ और 2004 में बीजेपी के एच टी संगलियाना को जीत मिली. 2009 में बीजेपी के डी बी चंद्र गौड़ा और 2014 के चुनाव में बीजेपी के सदानंद गौड़ा यहां से सांसद चुने गए.

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बेंगलुरु उत्तर सीट पर अब तक हुए 16 चुनावों में से 12 बार कांग्रेस को जीत मिली है. जबकि,पिछले तीन चुनावों में लगातार बीजेपी यहां से जीत दर्ज करती आ रही है. इस सीट से एक चुनाव जनता दल ने भी जीता था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सी के जफर शरीफ सबसे ज्यादा 7 बार इस सीट से सांसद रहे हैं, जिसमें में 1977-96 तक लगातार 5 बार वो जीत दर्ज कर चुके हैं.

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