अरुणाचल ही नहीं पूरे नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी की आवाज हैं किरण रिजिजू

2014 के चुनाव में किरण रिजिजू अरुणाचल पश्चिम से सांसद चुने गए. पार्टी में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाया गया.

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गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू

अमित राय

  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST

किरण रिजिजू को बीजेपी का कद्दावर नेता माना जाता है. रिजिजू बीजेपी के उन नेताओं में हैं जिन्होंने नॉर्थ ईस्ट में भारतीय जनता पार्टी का सूखा खत्म किया और पार्टी को सीट दिलाई. उनकी कोशिश रहती है कि इस इलाके के साथ पहले जिस तरह का भेदभाव किया जाता रहा है वह न हो. दिल्ली से ग्रेजुएशन और कानून की पढ़ाई करने वाले रिजिजू नॉर्थ ईस्ट के एकीकरण के पक्ष में रहे हैं. उनकी दृढ़ सोच रही है कि नॉर्थ ईस्ट के लोग भी उतने ही भारतीय हैं जितने देश के दूसरे लोग. यह देश के लोगों को भी समझना होगा और नॉर्थ ईस्ट के लोगों को भी.

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पार्टी में किरण के योगदान को देखते हुए अरुणाचल से सांसद चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गृह राज्यमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी. मंत्री बनने के बाद किरण सरकार को तक यह बात पहुंचाने में सफल रहे कि नॉर्थ ईस्ट का उपयोग केवल वोट की राजनीति के लिए होता रहा है और वहां विकास की बयार नहीं पहुंच पाई है. इसी का नतीजा रहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन योजनाओं की लिस्ट तैयार कराई जो नॉर्थ ईस्ट में वर्षों से लटकी पड़ी हैं. इसके बाद एक-एक करके इन्हें पूरा करने की कोशिश की गईं. 20-20 साल से अटकी योजनाओं को पूरा किया गया. इन योजनाओं पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने में किरण रिजिजू और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का नाम प्रमुखता से लिया जाता है.

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किरण रिजिजू ने दिल्ली एनसीआर में नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ भी मजबूत आवाज उठाई है. 2014 में सरकार में शामिल होने के बाद उन्होंने नॉर्थ ईस्ट के लोगों से जुड़ी समस्याओं पर सुझाव देने के लिए बेजबरुआ कमेटी बनाई.

किरण रिजिजू का जन्म 19 नवंबर 1971 को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले के नफ्रा में हुआ था. उनके पिता रिन्चिन खारू जाने माने नेता रहे हैं. वह अरुणाचल प्रदेश की प्रथम विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष भी रहे. किरण रिजिजू की माता का नाम चिरई रिजिजू है. किरण रिजिजू अरुणाचल पश्चिम लोकसभा से 16वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए, उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को हराया था. चौदहवीं लोकसभा के लिए भी रिजिजू सांसद चुने गए थे.

शिक्षा-दीक्षा

किरण रिजिजू की स्कूली पढ़ाई अरुणाचल प्रदेश में ही हुई. इसके बाद वह दिल्ली चले आए. दिल्ली के हंसराज कॉलेज में उन्होंने बीए (आनर्स) में एडमिशन लिया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्दालय से कानून की पढ़ाई की. उनका विवाह जोरम रीना रिजिजू से हुआ जो इतिहास की असिस्टेंट प्रोफेसर रही हैं. दोनों के 3 बच्चे हैं.

किरण रिजिजू एक राजनैतिक परिवार से आते हैं इसलिए उन्होंने भी छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख दिया. वह राष्ट्रीय एकीकरण के पक्षधर रहे हैं लेकिन नॉर्थ ईस्ट की विशेष परंपराओं और संस्कृति को संजोए रखने के लिए भी आवाज उठाते रहे हैं. रिजिजू का स्पष्ट मानना है कि सबकी परंपराएं अलग होती हैं और उसका सम्मान किया जाना चाहिए. तेज तर्रार इमेज के कारण ही उन्हें 31 साल की अवस्था में ही खादी ग्रामोद्योग का सदस्य बना दिया गया था.

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2004 में उन्हें अरुणाचल पश्चिम से लोकसभा का टिकट दिया गया और पहली बार सांसद बन गए. संसद में अपनी हाजिरी और कामकाज से उन्होंने बड़े नेताओं का दिल जीत लिया. उन्हें कई समितियों का सदस्य बनाया गया. 2009 में वह चुनाव हार गए लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में किरण ने एकबार फिर विजय हासिल की और सांसद बन गए.

किरण रिजिजू ने एक बार कहा था कि वह खुद गोमांस खाते हैं और नॉर्थ ईस्ट में यह परंपरा है इस पर कैसे प्रतिबंध लगाया जा सकता है. सबको एकदूसरे की परंपराओं का सम्मान करना चाहिए. हालांकि बीजेपी के अंदर ही विरोध के स्वर उठने के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था और इतना ही कहा था कि उन्होंने यह कहा कि सभी की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.

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