उत्तर प्रदेश की कौशांबी संसदीय सीट के नतीजों का ऐलान हो गया है. इस सीट से बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर ने जीत हासिल की है. उन्होंने गठबंधन प्रत्याशी सपा के इंद्रजीत सरोज को 38722 मतों से पराजित किया है. पांचवें चरण में यहां वोटिंग हुई थी, जिसमें कुल 53.87% मतदान दर्ज किया गया. 2014 के चुनाव में यहां 52.38 फीसदी मतदान हुआ था.
इस बार कौशांबी लोकसभा सीट से 12 उम्मीदवार मैदान में थे. बीजेपी के मौजूदा सांसद विनोद कुमार सोनकर मैदान में उतरे. सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से सपा के इंद्रजीत सरोज लड़ाई में थे. कांग्रेस की तरफ से गिरीश पासी चुनावी मैदान में थे. इसके अलावा भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, स्वतंत्र जनताराज पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के साथ पांच निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरकर किस्मत आजमाए.
2014 के लोकसभा चुनाव में कौशांबी संसदीय सीट पर 52.38 फीसदी मतदान हुए थे. इस सीट पर बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर ने सपा के शैलेंद्र कुमार को 42 हजार 900 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर ने 3 लाख 31 हजार 724 वोट हासिल किया था. वहीं, सपा के शैलेंद्र कुमार को 2 लाख 88 हजार 824 वोट और बसपा के सुरेश कुमार पासी को 2 लाख 1 हजार 322 वोट मिले थे. कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र कुमार को सिर्फ 31 हजार 905 वोट मिले थे.
कौशांबी लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट का गठन प्रतापगढ़ जिले की दो विधानसभाओं और कौशांबी जिले को मिलाकर साल 2008 में किया गया था. फिलहाल यहां से बीजेपी के विनोद कुमार सोनकर सांसद हैं. इस संसदीय सीट पर रघुराज प्रताप सिंह (उर्फ राजा भैया) का काफी राजनीतिक दखल है. ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी की निगाहें कौशांबी सीट पर हैं.
कौशांबी प्रयागराज शहर से 55 किमी की दूरी पर स्थित है. यह प्रदेश के पिछड़े जिलों में शामिल है. इस शहर को अति पिछड़ा अनुदान निधि मिलती है. यहां शिक्षा, रोजगार, पेयजल संकट जैसी बुनियादी जरूरतें मुंह फैलाए खड़ी हैं. कौशांबी लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई थी. यह सीट शुरुआत से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर अभी तक दो बार चुनाव हुए हैं. इस सीट से एक बार सपा और एक बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है.
कौशांबी लोकसभा सीट पर पहली बार 2009 में लोकसभा चुनाव हुए थे. समाजवादी पार्टी के नेता शैलेन्द्र कुमार जीतकर सांसद बने थे. इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी से विनोद कुमार सोनकर उतरे और मोदी लहर में जीत हासिल की.
कौशांबी की आबादी 15 लाख 99 हजार 596 है, जिनमें पुरुषों की संख्या 8 लाख 38 हजार 485 और महिलाओं की संख्या 7 लाख 61 हजार 111 है. यहां की औसत साक्षरता दर 61.28% है. कौशाम्बी देश के 250 अति पिछड़े जिलों में शामिल है. कौशांबी की 85 प्रतिशत आबादी हिंन्दुओं की और 13 प्रतिशत संख्या मुस्लिमों की है.
कौशांबी लोकसभा सीट पर उतर प्रदेश की पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें प्रतापगढ़ जिले की कुंडा और बाबागंज विधानसभा सीट शामिल हैं, जबकि कौशांबी जिले की मंझनपुर, चैल और सिराथू सीट हैं. इनमें से बाबागंज और मंझनपुर की विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
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