जिग्नेश के बाद कन्हैया के इस समर्थक का अंदाज हुआ वायरल, बिना बोले बता दी दिल की बात

लोकसभा चुनाव-2019 में बेगूसराय सीट की हर हलचल पर सभी की नजरें हैं. कल यहां से कन्हैया कुमार नामांकन दाखिल करेंगे. इन दिनों कन्हैया के एक और समर्थक का अंदाज खूब पसंद किया जा रहा है. वह कन्हैया की पार्टी के चुनाव चिन्ह को इशारे में समझाते हुए वोट देने की अपील कर रहा है. इससे पहले जिग्नेश मेवाणी का कसम खाने वाला अंदाज चर्चाओं में था.

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कन्हैया कुमार कन्हैया कुमार

टीके श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

लोकसभा चुनाव-2019 में बेगूसराय सीट की हर हलचल पर सभी की नजरें हैं. कल यहां से कन्हैया कुमार नामांकन दाखिल करेंगे. कन्हैया कुमार JNU छात्रसंघ के भूतपूर्व अध्यक्ष और देश के सबसे युवा चर्चित चेहरा हैं. बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में करीब 19 लाख वोटर हैं. इन वोटर्स तक अपना मैसेज पहुंचाने के लिए कन्हैया सैकड़ों सभाएं कर चुके हैं. बीते दिनों कन्हैया के कैंपेन में गुजरात से विधायक और युवा नेता जिग्नेश मेवाणी के वोट मांगने का मां कसम वाला अंदाज काफी सुर्खियों में रहा था. अब कन्हैया के एक और समर्थक का अंदाज खूब पसंद किया जा रहा है. वह कन्हैया की पार्टी के चुनाव चिन्ह को इशारे में समझाते हुए वोट देने की अपील कर रहा है.

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इसलिए मांग रहा है इशारे से समर्थन

कन्हैया का प्रचार संभाल रहे शहनवाज भारतीय के मुताबिक वोट मांगने वाले शख्स का नाम जोसो है, जो बोल नहीं पाता है. कन्हैया के समर्थक कैंपेनिंग के दौरान साहेबपुर कमाल क्षेत्र में पहुंचे थे, जहां जोसो लोगों से कन्हैया के लिए वोट मांगते देखा गया. जोसो वीडियो में कन्हैया के चुनाव चिन्ह को इशारे में समझाकर वोट देने के लिए कह रहा है. कन्हैया बेगूसराय में सीपीआई  के उम्मीदवार हैं. सीपीआई का चुनाव चिन्ह हसिया और बाली है. जोसो से लोगों ने पूछा कि किसे वोट देना है तो वह पहले अपने एक हाथ से फसल को पकड़ने और दूसरे हाथ से हसिया से काटने का इशारा करते हैं. इसके बाद वह हाथ से ठप्पा लगाने यानी मत देने का इशारा करते हैं. इस तरह वह हसिया-बाली यानी कन्हैया का समर्थन करते हैं. इससे पहले, कन्हैया के चुनावी प्रचार में जिन्गेश के वोट मांगने के अंदाज को पसंद किया गया था. जिग्नेश ने प्रचार के दौरान कहा था 'गोड़ लागी, कन्हैया कुमार को वोट दीजिए मैं गुजरात से यह कहने के लिए आया हूं. वोट दीजिएगा कन्हैया कुमार को. वोट फॉर कन्हैया कुमार. अच्छा आदमी है. 3 साल से पहचानता हूं, मां की कसम'. जिग्नेश का यह अंदाज सोशल मीडिया पर खूब चर्चाओं में रहा था.

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बेगूसराय में लेफ्ट का प्रदर्शन

ऐतिहासिक रूप से बेगूसराय को लेनिनग्राद के नाम से जाना जाता है जहां वामपंथ ने हमेशा ही अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज की है. अब रही लोकसभा चुनाव की बात तो पहले बेगूसराय और बलिया दो अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र रहे हैं, जिसमें से बेगूसराय में 1967 में सीपीआई ने कांग्रेस को हराकर चुनाव जीता था. पिछले चुनाव 2014 में भी सीपीआई ने 1,92,639 वोट लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया था जबकि 1967 में 1,80,883 वोट लाकर सीपीआई ने चुनाव जीत लिया था. यहां सीपीआई का कैडर वोट अभी भी उसके साथ है क्योंकि 2009 के चुनाव में भी सीपीआई को 1,64,843 वोट आए थे. बलिया लोकसभा जो पहले बेगूसराय से अलग था वहां सीपीआई तीन बार 1980, 1991 और 1996 में लोकसभा चुनाव जीत चुकी है. 1998 में भी जब राजद चुनाव जीती थी उस वक़्त भी 1,87,635 वोट पाकर सीपीआई 52,484 वोट से पिछड़कर दूसरे स्थान पर थी.

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