सीतामढ़ी से JDU उम्मीदवार ने लौटाया टिकट, पार्टी में हो रहा था विरोध

जेडीयू इकाई में वरुण कुमार को टिकट दिए जाने का विरोध हो रहा है, इसलिए वह अपना टिकट पार्टी को लौटा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो पार्टी उनकी जगह पर पूर्व मंत्री पिंटू सिंह को मैदान में उतार सकती है. बता दें कि सीतामढ़ी सीट पर महागठबंधन की तरफ से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अर्जुन राय उम्मीदवार हैं.

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पार्टी नेतृत्व को टिकट लौटाएंगे जेडीयू उम्मीदवार पार्टी नेतृत्व को टिकट लौटाएंगे जेडीयू उम्मीदवार

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 03 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सरगर्मी बढ़ती जा रही है. पहले टिकटों को लेकर महागठबंधन में रार दिख रही थी, अब एनडीए में भी इस पर विवाद हो रहा है. सीतामढ़ी से जेडीयू के उम्मीदवार बनाए गए वरुण कुमार पार्टी की नाराजगी के कारण अपना टिकट लौटाने जा रहे हैं. वह आज ही पटना में अपना टिकट लौटाएंगे.

जेडीयू इकाई में वरुण कुमार को टिकट दिए जाने का विरोध हो रहा है, इसलिए वह अपना टिकट पार्टी को लौटा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो पार्टी उनकी जगह पर पूर्व मंत्री पिंटू सिंह को मैदान में उतार सकती है. बता दें कि सीतामढ़ी सीट पर महागठबंधन की तरफ से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अर्जुन राय उम्मीदवार हैं.

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बिहार की 40 लोकसभा सीट पर बीजेपी, जेडीयू और लोजपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी 17, जेडीयू 17 और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बिहार में सात चरणों में चुनाव होना है. 11 अप्रैल को पहले चरण के लिए यहां पर औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई लोकसभा सीट पर मतदान होना है.

एनडीए से पहले महागठबंधन में टिकट पर हुई थी रार

एनडीए में सीट से रार से पहले महागठबंधन में भी बवाल जारी है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने भी अपनी पार्टी के फैसले के खिलाफ जाते हुए जहानाबाद और शिवहर सीट से अपने उम्मीदवार उतारने की बात कही है.

तेज प्रताप यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि उन्होंने तेजस्वी से टिकट को लेकर बात की थी, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई थी. इसके अलावा तेज प्रताप यादव अपने ससुर चंद्रिका राय के खिलाफ सारण से लोकसभा चुना भी लड़ सकते हैं.

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वहीं इससे पहले महागठबंधन में सीटों को लेकर पार्टियों में विवाद चल रहा था. कांग्रेस महागठबंधन में 11 से अधिक सीटें मांग रही थी, तो वहीं गठबंधन की पार्टियों ने उन्हें सिर्फ 9 ही सीटें दी. हालांकि, बाद में इस विवाद को सुलझाते हुए महागठबंधन की सीटों का ऐलान हुआ था.  

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