लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस पर दो राज्यों में अपनी सरकारों का बचाने संकट बताया जा रहा है. लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद बीजेपी नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई थी कि मध्य प्रदेश और कर्नाटक कांग्रेस की सरकारें कभी गिर सकती हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाली बसपा विधायक रमाबाई पथरिया आरोप भी लगा चुकी हैं कि बीजेपी ने मंत्री पद और मोटी रकम देने का प्रलोभन दिया था.
इन्हीं अटकलों के दौरान कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर संकट और दोनों पार्टियों में मतभेद की खबरों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य प्रभारी केसी वेणुगोपाल मंगलवार को बेंगलुरू पहुंच रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि वह राज्य सरकार के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर संकट को दूर करने का प्रयास करेंगे. पार्टी के विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी कर्नाटक जाना था, लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद पैदा हुए राजनीतिक हालात के मद्देनजर उनका दौरा रद्द हो गया.
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता कह रहे थे कि 23 मई के बाद कांग्रेस-जेडीएस की सरकार चली जाएगी. कुछ दिनों पहले ही कर्नाटक कांग्रेस के दो विधायकों ने बीजेपी नेता एस.एम. कृष्णा से मुलाकात की थी, जिससे ये अटकलें और तेज हो गई थीं.
बहरहाल बता दें कि कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटों में से इस बार बीजेपी ने 25 सीटें हासिल की हैं तो वहीं कांग्रेस-जेडीएस को 1-1 सीट मिली है. एक सीट निर्दलीय सांसद के खाते में गई है. राज्य विधानसभा चुनाव में 225 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78, जनता दल (एस) को 37, बसपा को 1 और अन्य को तीन सीटों पर जीत मिली थी.
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