MOTN: दक्षिण भारत में मुरझाया रहेगा कमल, यूपीए का ही बजेगा डंका

इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स के सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत में बीजेपी के प्रदर्शन में इस बार भी सुधार होने की संभावना नहीं दिख रही. यहां यूपीए का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है.

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दक्षिण भारत में मुरझाया रहेगा कमल (फाइल फोटो-पीटीआई) दक्षिण भारत में मुरझाया रहेगा कमल (फाइल फोटो-पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

2019 के लोकसभा चुनावों में अब बस कुछ ही हफ्ते शेष हैं. केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी यहां एक और बार मोदी सरकार के नारे के साथ मैदान में उतर रही है, वहीं कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ अपने पुराने दिनों की वापसी की उम्मीद में खम ठोंके हुए है. इसके अलावा ऐसे दल भी हैं जो न तो एनडीए में शामिल होना चाहते हैं और न यूपीए में. ये दल जनता को तीसरा विकल्प देने के नाम पर एकजुट हो रहे हैं. हालांकि एनडीए हो या यूपीए अथवा तीसरा विकल्प. पूरे भारत में इनमें से किसी की भी पकड़ एक समान नहीं है. अगर दक्षिण भारत की ही बात करें तो यूपीए का डंका बजने की ज्यादा उम्मीद है. कम से कम आजतक के कार्वी इनसाइट्स के साथ किए गए सर्वे देश का मिजाज में तो कुछ ऐसे ही नतीजे सामने आ रहे हैं.

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दक्षिण भारत यानी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना का अनुमानित वोट शेयर देखें तो केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए यहां पिछड़ता दिख रहा है. दक्षिण के वोट शेयर में एनडीए को महज 18 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. यहां वोट शेयर का सबसे ज्यादा हिस्सा यूपीए हड़प रहा है. यूपीए को देश के दक्षिणी हिस्से के 43 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. हालांकि वोट शेयर के मामले में अन्य दल भी ज्यादा पीछे नहीं हैं. उन्हें दक्षिण भारत के 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.

वोट शेयर के हिसाब से देखें तो दक्षिण भारत में यूपीए और अन्य दलों की टक्कर होनी है लेकिन वोट शेयर इस मामले में पूरी कहानी नहीं कहता. इसी वोट शेयर को जब सीटों में बदला जाता है तो असली तस्वीर साफ होती है. इस तस्वीर के मुताबिक 2019 में यूपीए को दक्षिण भारत से 78 सीटें मिल सकती हैं. अन्य दलों को यहां 30 सीटें मिलने का अनुमान है तो एनडीए को महज 26 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है.  

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यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए में जो दल शामिल हैं उनमें बीजेपी, ऑल इंडिया एन रंगास्वामी कांग्रेस, अपना दल, बोडो पीपुल्स फ्रंट, डीएमडीए, जनता दल यूनाइटेड, एलजेपी, नागा पीपुल्स फ्रंट, पीएमके, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आरपीआई(ए), शिरोमणि अकाली दल, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, शिवसेना

इसी तरह यूपीए में कांग्रेस के अलावा डीएमके, जनता दल सेक्युलर, नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (मणि), आईयूएमएल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, आरजेडी, आरएलडी, टीडीपी शामिल हैं.

अन्य दलों में आम आदमी पार्टी, असम गण परिषद, अन्नाद्रमुक, फॉरवर्ड ब्लॉक, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीजू जनता दल, सीपीआई, सीपीआई-एम, इनेलो, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, केरल कांग्रेस(जोसेफ), एमएनएस, एनएलपी, आरएसपी, टीआरएस, वायएसआर कांग्रेस, इंडिपेंडेंट्स, सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन शामिल है.

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