केरल सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले नादर ईसाई समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने का फैसला किया है. सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक इस संबंध में फैसला मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.
मंत्रिमंडल ने पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा को स्वीकार करने की मंजूरी दी. वाम मोर्चा सरकार के इस फैसले के बाद नादर समुदाय के सभी धड़ों को अन्य पिछड़ा वर्ग (अपिव) श्रेणी में शामिल किया जाएगा.
राज्य सरकार के इस फैसले से नादर समुदाय के पांच लाख लोगों को लाभ होने की उम्मीद है जिनमें से अधिकतर दक्षिण केरल में निवास करते हैं. केरल कैथोलिक बिशप परिषद (केसीबीसी) ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.
हिंदू, साउथ इंडियन यूनाइटेड चर्च (एसआईयूसी) और लैटिन कैथोलिक अलग सूची के तहत आरक्षण में आते हैं. इनके अलावा मलानकरा, लुतेरन एवं मारथोमा चर्च के नादर समुदाय अब अपिव श्रेणी में आएंगे जो समुदाय की लंबे समय से मांग थी.
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