प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर आरपीएन सिंह को EC का नोटिस, 48 घंटे में मांगा जवाब

अगर आरपीएन सिंह तय वक्त में नोटिस का जवाब दे पाने में असमर्थ रहते हैं तो यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. गौरतलब है कि झारखंड में 1 नवंबर 2019 को चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. ऐसे में आरपीएन सिंह की वह प्रेस ब्रीफिंग पर चुनाव आयोग ने आपत्ति लगा दी है.

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हेमंत सोरेन और आरपीएन सिंह (फोटो: PTI) हेमंत सोरेन और आरपीएन सिंह (फोटो: PTI)

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 10 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST

  • आरपीएन सिंह को चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस
  • झारखंड कांग्रेस के इंचार्ज हैं आरपीएन सिंह

झारखंड विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच झारखंड कांग्रेस के इंचार्ज और पार्टी के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह पर चुनाव आयोग की नजर टेढ़ी हो चुकी है. चुनाव आयोग उनकी हरकतों पर लगातार नजर रख रहा है. दरअसल उन्होंने 8 नवंबर 2019 को बिना चुनाव आयोग की अनुमति के रांची प्रेस कल्ब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसी वजह से उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया गया है.

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अब अगर आरपीएन सिंह तय वक्त में नोटिस का जवाब दे पाने में असमर्थ रहते हैं तो यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. गौरतलब है कि झारखंड में 1 नवंबर 2019 को चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. ऐसे में आरपीएन सिंह की उस प्रेस ब्रीफिंग पर चुनाव आयोग ने आपत्ति लगा दी है.

आपको बता दें कि कांग्रेस के झारखंड इंचार्ज आरपीएन सिंह ने जेएमएम के वर्किंग प्रेसीडेंट हेमंत सोरेन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने झारखंड में महागठबंधन की स्थिति और चुनावों में सीट शेयरिंग फॉमूले की घोषणा की थी.  

अब चुनाव आयोग के क्षेत्रीय अधिकारी और रांची के सदर एसडीओ ने आरपीएन सिंह को 48 घंटे के भीतर जवाब देने की शर्त के साथ नोटिस भेज दिया है. एसडीएम लोकेश मिश्रा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि उनसे पूछा गया है कि प्रेस क्लब रांची में क्या आयोजन था. आखिर उन लोगों ने प्रशासन या चुनाव आयोग को उस बारे में बताने की जरूरत क्यों नहीं समझी जबकि झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू है.

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एसडीएम ने आगे कहा कि अगर वे जवाब नहीं दे पाते हैं तो चुनाव आयोग उस मीटिंग को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानेगा और आरपीएन सिंह के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाएगा.

इस मुद्दे पर आजतक ने जब कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह का पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है. उन्हें गठबंधन और सीट शेयरिंग का फॉर्मूला की घोषणा प्रेस के सामने करनी थी. वे यह काम एयरपोर्ट या सड़क पर भी कर सकते थे लेकिन पत्रकारों को तब न्यूज कवरेज में दिक्कत होती. इसी वजह से वेन्यू के तौर पर प्रेस क्लब को चुना गया था. क्या यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि क्या अगर हमने इसे कांग्रेस भवन में किया होता तो भी यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह नोटिस मिलने पर निर्धारित समय के भीतर जवाब देंगे.

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