राहुल की मंडी रैली से पहले हिमाचल कांग्रेस में कलह जारी, वीरभद्र नहीं होंगे CM चेहरा?

पीएम मोदी और बीजेपी लगातार सीएम वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर निशाना साध रहे हैं. लेकिन सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी वीरभद्र सिंह को दोबारा पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतारना चाहते हैं. राहुल शनिवार को मंडी जिले में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इस जनसभा की तैयारी में ही पार्टी के अंदर खींचतान देखने को मिल रही है.

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राहुल गांधी (फाइल) राहुल गांधी (फाइल)

प्रज्ञा बाजपेयी

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  • 07 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हिमाचल कांग्रेस के भीतर घमासान जारी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पहली जनसभा को संबोधित करेंगे. उनकी रैली से पहले पार्टी की राज्य इकाई के अंदर चल रही उठापटक को आसानी से भांपा जा सकता है.

 पीएम मोदी और बीजेपी लगातार सीएम वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर निशाना साध रहे हैं. लेकिन सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी वीरभद्र सिंह को दोबारा पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतारना चाहते हैं. राहुल शनिवार को मंडी जिले में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इस जनसभा की तैयारी में ही पार्टी के अंदर खींचतान देखने को मिल रही है.

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राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कार्यक्रम को अपनी सरकार के 5 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का समारोह बताने में लगे हैं, वहीं राज्य पार्टी इकाई के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू शनिवार को मंडी में राहुल गांधी की जनसभा के लिए भीड़ जमा करने की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेते दिखे.

वीरभद्र सिंह ने सुखविंदर से तनातनी के बीच उनके साथ मंच साझा करने से इनकार कर दिया था. हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब दोनों के बीच मनमुटाव दूर हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक, "सुक्खू के पास राहुल का आशीर्वाद है, वीरभद्र के विरोध के बावजूद सुक्खू को अध्यक्ष पद पर बनाए रखा गया."

जहां प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी वीरभद्र पर हमलावर हैं वहीं राहुल गांधी वीरभद्र को सीएम पद के लिए दोबारा पार्टी का चेहरा नहीं बनाना चाहते हैं. हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान ही लेगा.

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पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "सीएम के खिलाफ सत्ताविरोधी लहर काम कर रही है. वह हिमाचल में वन मैन आर्मी के तौर पर उभरे हैं और राज्य के एक ताकतवर नेता हैं. लेकिन अब यह समय बदलाव का है, नए प्रतिभाशाली लोगों को भी जगह मिलनी चाहिए."

वीरभद्र खेमे के एक सदस्य ने वीरभद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "सीएम के सुशासन का लाभ पार्टी को चुनाव में मिलेगा. उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. उनके कार्यकाल में प्रशासन कभी प्रभावित नहीं हुआ. लोग खुश हैं."

पीएम मोदी चुनाव के मद्देनजर अब तक तीन रैलियां कर चुके हैं हालांकि शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की राज्य में पहली चुनावी जनसभा होगी.

वीरभद्र और सुक्खू के बीच मचे घमासान की वजह से राहुल गांधी ने राज्य के दौरे को स्थगित कर दिया था.

प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह ने कहा, "नेताओं के बीच आपसी मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमने विवाद को सुलझा लिया है. पार्टी का शनिवार का कार्यक्रम महत्वपूर्ण है. यह वर्तमान राज्य सरकार की उपलब्धियों के जश्न का समारोह है.. हमने इसे 'विकास से विकास की ओर' का नाम दिया है. पार्टी की तैयारियां सही ट्रैक पर हैं. उन्होंने आगे कहा, पहाड़ी इलाकों में भीड़ जुटाना कठिन होता है. लेकिन हमारी रैली भी मोदी की रैली की तरह ही होगी."

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जब उनसे पूछा गया कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद वीरभद्र सिंह पार्टी के सीएम पद का चेहरा होंगे तो उन्होंने जवाब दिया कि इसका फैसला पार्टी हाईकमान करेगी. जब तक आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो जाते हैं, तब तक उन्हें दोषी करार नहीं दिया जा सकता है. सत्ताविरोधी लहर का असर हो सकता है पर हमारी सरकार ने अच्छा काम किया है.

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