हरियाणा के नतीजे पर खेमका की तीखी टिप्पणी- कमजोर निष्क्रियता मनोहर नहीं हो सकती

28 साल के करियर में 52 बार तबादले को लेकर चर्चा में रहे 1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हरियाणा के नतीजे पर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने ट्वीट कर मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधा है.

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हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (फाइल फोटोः आज तक) हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (फाइल फोटोः आज तक)

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 24 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 10:49 PM IST

  • मुख्यमंत्री से भी हो चुका है खेमका का टकराव
  • वाड्रा की कंपनी का जमीन सौदा किया था रद्द

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग हो साफ हो चुके हैं. यहां पर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल रहा है. 2014 के चुनाव में 47 सीट जीतने वाली बीजेपी को इस बार 40 सीटें ही मिल रही हैं. वह नंबर एक पार्टी बनकर सामने आई है. हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा बन रही है. वहीं अब नतीजों  को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है.

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28 साल के करियर में 52 बार तबादले को लेकर चर्चा में रहे 1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हरियाणा के नतीजे पर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने ट्वीट कर मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. खेमका ने कहा है कि कमजोर निष्क्रियता मनोहर नहीं हो सकती. खेमका का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी सीधा टकराव हो चुका है और मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था.

वरिष्ठ आईएएस खेमका की एसीआर में नकारात्मक टिप्पणी और मुख्यमंत्री खट्टर के अंक कम करने को रद्द करते हुए कहा था कि राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक प्रणाली में ऐसी व्यावसायिक ईमानदारी को संरक्षित करने की जरूरत है. तब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खेमका को 9.92 अंक दिए थे, जिन्हें बगैर कोई कारण बताए मुख्य सचिव ने 8.22 कर दिया था. चुनाव से पहले भी खट्टर सरकार ने नौ आईएएस अधिकारियों का तबादला किया था, जिसमें खेमका भी शामिल थे.

सत्ता पक्ष को रास नहीं आते खेमका

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कोलकाता में जन्मे और पले-बढ़े खेमका की छवि व्यवस्था से टकराते रहने वाले नौकरशाह की रही है. उनके फैसले विपक्षी दलों को पसंद आते हैं, लेकिन वह सत्ता पक्ष को कभी रास नहीं आए. बंसीलाल से लेकर मनोहर लाल तक, हर सरकार में खेमका व्यवस्था से टकराते रहे. भजनलाल से लेकर ओम प्रकाश चौटाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकारों में भी उनके एक के बाद एक तबादले होते रहे.

वाड्रा के जमीन मामले से आए थे चर्चा में

खेमका का नाम सन 2012 में तब चर्चा में आया था, जब उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी और डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदे को रद्द किया था. तब भाजपा ने इस मामले को विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक मुद्दा बनाया. बताया जाता है कि खेमका का मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा उनके तीन मंत्रियों से भी टकराव हो चुका है.

बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु समेत कई दिग्गज चुनाव हार चुके हैं. ताजा रुझानों के मुताबिक सत्ताधारी भाजपा चार सीट जीती है और 34 सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. कांग्रेस ने दो सीटें जीती हैं और 31 पर आगे चल रही है. नईनवेली जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने 5 सीटें जीती हैं और पांच पर आगे चल रही है.

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