गुजरात चुनाव के सबसे बड़े सियासी मंच पंचायत आजतक पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. उन्होंने गुजरात चुनाव पर तो विस्तार से बात की ही, इसके अलावा उन्होंने रेवड़ी कल्चर पर भी अपनी पार्टी की राय स्पष्ट की. साफ कहा गया कि जनता को सशक्त करने में और उन्हें रेवड़ी के जरिए निर्भर बनाने में फर्क होता है.
पीयूष गोयल ने कहा कि हमने कई घरों में बिजली दी थी. हमने उन्हें सशक्त किया था, ये कोई रेवड़ी नहीं थी. कोई भेदभाव नहीं किया गया था. जिन्हें पक्के घर दिए गए, उन्हें रोजमरा की समस्याओं से मुक्त किया गया. आयुष्मान भारत के तहत गरीब तबके को मुफ्त में हेल्थकेयर देते हैं. रोटी कपड़ा मकान को लेकर किसी को कोई तकलीफ नहीं है. अब तो सभी को इनकम बढ़ाने का काम करना है. हमारे सारे फैसले लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लिए हैं. रेवड़िया जनता को कमजोर करने का काम करती हैं. अंतिम पंक्ति तक फायदा पहुंचाने की जो कोशिश होती है, उसे भी चोट पहुंचती है. किसानों की बात कर लीजिए, उन्हें अगर सबकुछ फ्री में देने लग जाएं, उनकी आत्मनिर्भर बनने वाली क्षमता खत्म हो जाएगी. गुजरात में 24 घंटे बिजली मिल रही है. लोगों से बिल लिया जाता है, उसी वजह से सभी को बिजली मिल रही है.
वैसे कार्यक्रम के दौरान एक सवाल ये भी पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए गुजरात उनका सबसे पसंदीदा बेटा है? इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि जो प्रदेश अच्छा काम करता है, जहां पर निवेश बढ़िया रहता है, गुजरात अगर ये सभी पहल करता है, तो स्वाभाविक तौर पर उसे उसका फायदा मिलेगा. लेकिन एक बार भी किसी ने मुझसे ये नहीं कहा कि गुजरात को ज्यादा मिले और दूसरे राज्य को कम. जब मैं विद्युत मंत्री था, तब दीन दयाल उपाध्याय योजना शुरू की थी. उस समय यूपी और बिहार को इस योजना का सबसे ज्यादा पैसा मिला था.गुजरात के लोग तो नाराज भी हुए थे. मैंने तब कहा था कि आपके यहां तो काफी विकास पहले ही हो चुका है. प्रधानमंत्री भी पूरे देश के विकास पर जोर देते हैं.
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