रांची में लालू का 'केली बंगला' बना आरजेडी का नया चुनावी हेडक्वार्टर

आरजेडी ने लालू का बचाव करते हुए कहा है कि महामारी के दौरान किसी भी आरजेडी नेता या कार्यकर्ता का उनसे मिलना संभव नहीं है. ऐसे में उनके रांची के बंगले का चुनावी हेड क्वार्टर बन जाना बीजेपी और जेडीयू की आरजेडी को बदनाम करने की साजिश है.

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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो) आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 01 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:59 PM IST
  • बीजेपी-जेडीयू ने लगाया आरोप
  • कहा- जेल मैनुअल का उल्लंघन
  • आरजेडी ने आरोप किए खारिज

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पटना में स्थित राष्ट्रीय जनता दल के दफ्तर को छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक दलों के दफ्तर में हलचल बढ़ गई है. सवाल उठता है कि आखिर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय में उस प्रकार की गहमागहमी क्यों नहीं है? इसका जवाब यह है कि पटना स्थित आरजेडी का प्रदेश कार्यालय नहीं बल्कि रांची में स्थित केली बंगला अब पार्टी का नया चुनावी हेडक्वार्टर बन गया है.

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चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव खराब सेहत की वजह से पहले रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती थे. इन दिनों वे रांची के केली बंगले में रह रहे हैं. कोरोना वायरस की महामारी के दौरान संक्रमण के खतरे के कारण उन्हें केली बंगले में रखा गया है. यह बंगला भी अस्पताल परिसर में ही है. बिहार में चुनावी सरगर्मी शुरू होते ही लालू प्रसाद का यह बंगला अब आरजेडी का चुनावी हेड क्वार्टर बन चुका है. यहां हर दिन दर्जनों की संख्या में टिकट पाने की आस में नेता और कार्यकर्ता चक्कर लगा रहे हैं.

हर दिन सैकड़ों की संख्या में आरजेडी के नेता और कार्यकर्ता पटना से रांची का दौरा कर रहे हैं. इसी कड़ी में 2 दिन पहले रांची जा रहे पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की सड़क हादसे में मौत भी हो गई थी. बताया जा रहा है कि लालू के बंगले पर पहुंचने के बाद टिकट पाने की आस में नेता और कार्यकर्ता अपना बायोडाटा गेट के अंदर ही गिरा दे रहे हैं.

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अब इसे लेकर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने हमला बोला है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि किस राजनीतिक दल का कार्यालय जेल की सलाखों के पीछे है? यह कौन बनेगा करोड़पति जैसी प्रतियोगिता के लिए एक अच्छा सवाल बन चुका है. उन्होंने कहा कि बिहार में इस सवाल का जवाब देने वाले कई लोग हैं. लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं, लेकिन अपनी पार्टी की चुनावी रणनीति बना रहे हैं और उम्मीदवार भी तय कर रहे हैं. यह जेल मैनुअल का उल्लंघन है.

जेडीयू प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद की पार्टी झारखंड सरकार में शामिल है, इसीलिए कोई भी उन्हें रोक नहीं रहा है. निर्वाचन आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए और झारखंड सरकार को फटकार लगानी चाहिए.

भाजपा ने भी लालू पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने भी लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे रिम्स अस्पताल के निदेशक के आवासीय परिसर पर कब्जा जमा लिए हैं. इसका राजनीतिक दुरुपयोग खुल्लम-खुल्ला किया जा रहा है. टिकट की बोली पटना में भी लग रही है और रांची में भी. आरजेडी नेता और कार्यकर्ता लगातार पटना से रांची की दौड़ लगा रहे हैं.

आरजेडी ने किया लालू का बचाव

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आरजेडी ने लालू का बचाव करते हुए कहा है कि महामारी के दौरान किसी भी आरजेडी नेता या कार्यकर्ता का उनसे मिलना संभव नहीं है. ऐसे में उनके रांची के बंगले का चुनावी हेडक्वार्टर बन जाना बीजेपी और जेडीयू की आरजेडी को बदनाम करने की साजिश है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगले में शिफ्ट किया गया है. वहां पर उनसे मिलना किसी प्रकार से संभव नहीं है.

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजन तिवारी ने सवालिया अंदाज में कहा कि वह क्या चाहते हैं? लालू प्रसाद की जान चली जाए? गरीब और गुरबा लालू जी के बंगले के बाहर पहुंचकर भी संतुष्ट हो जाता है कि उन्हें लालू जी के दर्शन हो गए. बीजेपी और जेडीयू की ओर से बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं. बता दें कि लालू प्रसाद यादव को बंगले से वापस जेल में भेजने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि लालू प्रसाद जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और डायरेक्टर के बंगले को राजनीति का केंद्र बना दिया है.

 

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