बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है. बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान होना है. मुजफ्फरपुर जिले की गायघाट विधानसभा सीट के लिए तीसरे और अंतिम चरण में 7 नवंबर को वोटिंग होनी है. यह सीट अभी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पास है.
गायघाट विधानसभा सीट के लिए मतदान 7 नवंबर को हुआ. इस सीट पर 57.45 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. गौरतलब है कि इस बार जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पिछली दफे आरजेडी के टिकट पर विधायक रहे महेश्वर प्रसाद यादव को टिकट दिया है. महेश्वर प्रसाद को चुनौती देने के लिए आरजेडी ने निरंजन राय, जन अधिकार पार्टी ने ललिता सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने कोमल सिंह को मैदान में उतारा है.
पिछले चुनाव में आरजेडी ने महेश्वर प्रसाद यादव को चुनाव मैदान में उतारा था. यादव ने अपनी प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वीणा देवी को हराया था. यादव को 67 हजार 313 वोट मिले थे. जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी वीणा देवी को 63 हजार 812 वोट मिले थे. वीणा देवी को करीब चार हजार वोट से चुनावी मात मिली थी. तब निर्दलीय उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे. पिछले चुनाव में इस सीट से कुल 21 उम्मीदवार मैदान में थे.
इससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की वीणा देवी ने जीत का परचम लहराया था. तब वीणा देवी ने उन्हीं महेश्वर प्रसाद यादव को मात दी थी, जिनसे 2015 में मात खानी पड़ी. तब वीणा देवी को 56 हजार 386 वोट मिले थे. यादव को 40 हजार 399 वोट मिले थे. वीणा देवी करीब 16 हजार वोट से विजयी घोषित की गई थीं. तब कांग्रेस की आरती देवी तीसरे स्थान पर रही थीं. उस चुनाव में कुल 16 उम्मीदवार मैदान में थे.
क्या कहता है चुनावी अतीत
गायघाट के चुनावी अतीत की बात करें तो मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी के किनारे बसे इस विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के उम्मीदवार भी विजयी रहे हैं. 1990 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार महेश्वर यादव ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार गायघाट विधानसभा सीट से चुनाव जीता था.
साल 1995 के चुनाव में महेश्वर यादव जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी रहे. साल 2000 में जनता दल यूनाइटेड के वीरेंद्र सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे. 2005 में महेश्वर यादव आरजेडी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और विजयश्री पाई. अब आरजेडी इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है, वहीं भाजपा की कोशिश अपनी खोई सीट वापस पाने की है.
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