बिहार चुनाव: कांग्रेस प्रभारी बोले- RJD नेताओं के बयान से हैरान, अलग रास्ता चुनने की छूट

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर आरजेडी के कुछ नेताओं के बयान सुनकर मैं हैरान हो गया. हम चाहते हैं कि समान विचारधारा वाली पार्टियां साथ आएं. लेकिन अगर कुछ मजबूरी हुई तो वे दूसरा विकल्प चुन सकते हैं. 

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कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल (फाइल फोटो) कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:55 AM IST
  • महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अब तक नहीं बनी बात
  • समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ आना चाहिए: शक्ति सिंह
  • बिहार में आज से शुरू होगी चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया

बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राजनीतिक पार्टियां भी तैयारियों में जुट गई हैं. हालांकि, सीट शेयरिंग का पेच NDA और महागठबंधन दोनों में फंसा हुआ है. इस बीच, बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बड़ा बयान दिया है. सीट शेयरिंग को लेकर शक्ति सिंह गोहिल ने साफ कहा कि महागठबंधन में अगर कुछ ऊपर-नीचे होता है तो हम भी अपने अन्य दल के साथ इस चुनाव में उतरने के लिए पूरे दम खम के साथ तैयार हैं. 

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शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर आरजेडी के कुछ नेताओं के बयान सुनकर मैं हैरान हो गया. हम चाहते हैं कि समान विचारधारा वाली पार्टियां साथ आएं. लेकिन अगर कुछ मजबूरी हुई तो वे दूसरा विकल्प चुन सकते हैं. 

बता दें कि आरएलएसपी के महागठबंधन से अलग होने के बाद कांग्रेस पहले ही आरजेडी से नाराज है. आरजेडी सहयोगी दलों को अधिक सीटें नहीं दे रही है. कांग्रेस बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही है, लेकिन आरजेडी 58 से ज्यादा सीटें देने पर राजी नहीं है. 2015 के चुनावों में, कांग्रेस ने 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीटें जीती थी, जबकि आरजेडी ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और 80 सीटों पर जीत हासिल की थी. 

इससे पहले सीएम के चेहरे पर बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि हर पार्टी को अपना नेता, चेहरा देने का अधिकार है उसमें क्या गलत है. अगर आरजेडी अपना चेहरा देती है तो इससे किसी को एतराज नहीं है. 

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गुरुवार से बिहार में पहले चरण की नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू होने वाली है लेकिन अब तक बिहार में दोनों ही गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का मसला नहीं सुलझा है. ऐसे में गुरुवार का दिन बेहद अहम है कि आखिर कांग्रेस और आरजेडी साथ में चुनाव लड़ेंगे या दोनों की राहें अलग-अलग हो जाएंगी. 


 

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