Raxaul: नेपाल सीमा सील होने से बिगड़ सकता है चुनावी गणित, नहीं पड़ेंगे 3 लाख से अधिक वोट

पूर्वी चंपारण का रक्सौल विधानसभा क्षेत्र, नेपाल के औद्योगिक क्षेत्र वीरगंज से सटा हुआ है. वीरगंज औद्योगिक घराने के लोग भी अपनी पंसद के लोगों को रक्सौल का विधायक देखना चाहते हैं.

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रोजगार के लिए बिहार से नेपाल गए हजारों लोग रोजगार के लिए बिहार से नेपाल गए हजारों लोग

aajtak.in

  • रक्सौल,
  • 07 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 6:01 PM IST
  • नेपाल से सटी है चंपारण की रक्सौल विधानसभा सीट
  • रोजगार के लिए बिहार से नेपाल गए तमाम लोग
  • इन दिनों फिर नेपाल में कोरोना संक्रमण बढ़ा है

कोरोना महामारी के कारण सात महीने से नेपाल सीमा पूरी तरह सील है. यदि चुनाव तक यही हालात रहे तो सीमा से सटे विधानसभा क्षेत्रों का चुनावी गणित इस साल कुछ अलग होगा. रोजगार के लिए बिहार से नेपाल गए हजारों लोग वहां अटके हुए हैं.

दरअसल, अगर चुनाव तक बिहार-नेपाल सीमा सील रही तो इसका सीधा असर सीमा से सटे 20 विधानसभा क्षेत्रों पर पड़ेगा. सीमा से सटे प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औसतन 2.5 से 3 लाख वोटर हैं. सीमा सील होने के कारण औसतन 15 हजार वोटर नेपाल में फंसे हुए हैं. इस तरह करीब 3 लाख बिहारी वोटर चुनाव से वंचित हो सकते हैं.

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पूर्वी चंपारण का रक्सौल विधानसभा क्षेत्र, नेपाल के औद्योगिक क्षेत्र वीरगंज से सटा हुआ है. वीरगंज औद्योगिक घराने के लोग भी अपनी पंसद के लोगों को रक्सौल का विधायक देखना चाहते हैं. वहीं, रक्सौल के काफी लोग वीरगंज में बसे हुए हैं. जिनके माध्यम से इन औद्योगिक घरानों का चुनावी दंगल में अप्रत्यक्ष प्रभाव रहता है. विभव कुमार सिंह बताते हैं कि करीब 20 हजार लोग वीरगंज में रहते हैं. 

सीमा सील रही तो सभी चुनाव से वंचित हो जाएंगे. सीतामढ़ी के रीगा विस क्षेत्र के बैरगनिया बाजार के दो सौ से अधिक लोग नेपाल के रौतहट के गौड़, शिवनगर, चंद्रनिगाहपुर, डुमरिया बाजार में रोजगार करते हैं. वीरगंज में सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है. इस बीच वीरगंज में नेपाल के अधिकारियों के साथ पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण जिले के अधिकारियों की बैठक हुई. 

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इसमें वर्तमान हालात पर चर्चा हुई. शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव को लेकर दोनों ओर के अधिकारियों के बीच रणनीति तय की गई. बताया गया कि इन दिनों एक बार फिर नेपाल में कोरोना संक्रमण बढ़ा है. लिहाजा, विधानसभा चुनाव तक सीमा खुलने की संभावना भी कम है.

बेतिया जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि नेपाल में रहने वाले भारतीय मूल के निवासियों को नेपाल प्रशासन को मतदान देने के लिए जानकारी देनी होगी. नेपाल प्रशासन मतदान के लिए अनुमति भी देगा. लेकिन वोटर को मतदान के 48 घंटे के पहले अपने घर आ जाना होगा. निर्धारित समय में अगर वे नहीं आते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित मतदाता की होगी. 

सीमा से सटे विधानसभा क्षेत्र- वाल्मीकिनगर, रामनगर, सिकटा, रक्सौल, नरकटिया, ढाका, रीगा, बथनाहा, परिहार, सुरसंड, हरलाखी, खजौल, बाबूबरही, लौकहा, निर्मली, नरपतगंज, फारबिसगंज, सिकटी, बहादुरगंज, ठाकुरगंज.
(रिपोर्ट- गणेश शंकर)

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