Arrah: बगैर मास्क बेखौफ घूम रहे लोग, बोले- कोरोना अब भाग चुका है

आरा शहर के लोग दो गज दूरी के नियम को पूरी तरह भूलते जा रहे हैं. इतना ही नहीं सड़क पर इन दिनों बाइक सवार हों या फिर पैदल चलने वाले लोग, बहुत कम के मुंह पर ही मास्क नजर आ रहा है. चाय-नाश्ते व अन्य दुकानों पर भी यही हाल देखने को मिल रहा है.

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दो गज दूरी का नहीं किया जा रहा पालन. दो गज दूरी का नहीं किया जा रहा पालन.

aajtak.in

  • आरा,
  • 31 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST
  • दो गज दूरी का नहीं किया जा रहा पालन
  • बिना मास्क के सड़कों पर घूम रहे लोग
  • आरा के लोग को भूले सोशल डिस्टेंसिंग

बिहार चुनाव 2020 पर कोविड-19 का खतरा पहले से ही मंडरा रहा है, ऐसे में प्रथम चरण के मतदान के बाद लोग जमकर लापरवाही बरत रहे हैं. हम बात कर रहे हैं आरा की, जहां कोरोना का डर पूरी तरह समाप्त दिखाई दे रहा है. सोशल डि​स्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

आरा शहर के लोग दो गज दूरी के नियम को पूरी तरह भूलते जा रहे हैं. इतना ही नहीं सड़क पर इन दिनों बाइक सवार हों या फिर पैदल चलने वाले लोग, बहुत कम के मुंह पर ही मास्क नजर आ रहा है. चाय-नाश्ते व अन्य दुकानों पर भी यही हाल देखने को मिल रहा है.

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सरकार ने कोविड नियमों का पालन करते हुए स्कूल और कॉलेज खोलने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन यहां छात्र बिना मास्क के देखे जा रहे हैं. वहीं जब इस बारे में लोगों से बात की गई, तो उनका कहना है कि जब सरकार कोरोना की रिकवरी दर 97 प्रतिशत का दावा कर रही है, तो डर किस बात का है. 

ये बोले लोग
रंगकर्मी संजय पाल का कहना है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी ही नहीं है. ये सिर्फ भ्रम है. सरकार ने दुर्गा पूजा पर रोक लगा दी, लेकिन चुनाव में रैलियों पर रोक नहीं है. आम लोगों को कोरोना हो सकता है, लेकिन नेताओं को कोरोना नहीं हो सकता है.

वहीं दुकानदार नीरज कुमार ने बताया कि शहर से अब कोरोना भाग चुका है. मास्क पहनने की अब कोई जरूरत नहीं है. मोहम्मद सहजाद आलम ने बताया कि जब कोरोना का रिकवरी रेट बिहार में 97 प्रतिशत है, तो फिर डर किस बात का. (इनपुट-सोनू सिंह)

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