बिहार चुनाव की रैलियों में भीड़ जुटने और न जुटने के क्या हैं मायने, सुनें 'आज का दिन'

बिहार में स्टार प्रचारकों की रैलियों में भीड़ जुटाने का प्रेशर कार्यकर्ताओं पर पूरा है. इस दौरान तेजस्वी यादव की रैलियों में खूब भीड़ दिख रही है. अब भीड़ जुटने और ना जुटने का भी चुनाव में अपना महत्व है तो हमने पुष्यमित्र से बात की.

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RJD नेता तेजस्वी यादव की रैली के दौरान भीड़ (फोटो-PTI) RJD नेता तेजस्वी यादव की रैली के दौरान भीड़ (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

रैली, भाषण, घोषणापत्र, वादे, दावे, आरोप, तारीफ़, झूठ, सच के बीच बिहार को लेकर एक ओपीनियन पोल आ गया है. CSDS-लोकनीति का ये ओपिनियन पोल बता रहा है कि नीतीश कुमार को बिहार एक मौका और दे सकता है. ये ओपिनियन पोल इंडिया टुडे टीवी और आजतक पर भी दिखाया गया. इसके मुताबिक, नीतीश के एनडीए गठबंधन को 38 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. वहीं, तेजस्वी यादव के महागठबंधन को 32 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा 122 है. तो इस ओपिनियन पोल से क्या क्या और मैसेज बाहर आ रहे हैं, ये समझने के लिए हमने फ़ोन मिलाया हमारे वरिष्ठ सहयोगी प्रभाष के दत्ता को.

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बिहार में स्टार प्रचारकों की रैलियों में भीड़ जुटाने का प्रेशर कार्यकर्ताओं पर पूरा है. इस दौरान तेजस्वी यादव की रैलियों में खूब भीड़ दिख रही है. अब भीड़ जुटने और ना जुटने का भी चुनाव में अपना महत्व है तो हमने पुष्यमित्र से बात की. पुष्यमित्र जी सीनियर पत्रकार हैं और बिहार की ग्राउंड रियलिटी खूब समझते हैं. हमारे लिए उन्होंने इन भीड़ की वजहों को डीकोड किया. 

प्रधानमंत्री मोदी कल टीवी पर आए और कोरोना को लेकर अपनी चिंता ज़ाहिर की. वही कहा जो अक्सर हम भी कहते हैं कि लॉकडाउन हटा है कोरोना का ख़तरा नहीं. दो गज की दूरी और मास्क का ख़याल अब भी रखना है. अब ये सब तो चुनावी रैलियों से गायब ही है लेकिन आपको इसका ख्याल रखना ही है. इसके अलावा पीएम ने कोरोना को लेकर कहा कि थोड़ी सी लापरवाही हमारी खुशियों को कम कर सकती है. उन्होंने अपने संबोधन में और भी बहुत सारी चीजों का जिक्र किया,बहुत सारा डेटा रखा और इसी बीच एक बात ये भी आई कि अमेरिका और यूरोप में पहले केसेज़ कम हुए फिर अचानक बढ़े. यहां प्रधानमंत्री ने जो अमेरिका और यूरोप का एग्जांपल कोट किया और जो बातें कहीं उसका भारत के संदर्भ में क्या महत्व है, इसको एनेलाइज़ कर रहे हैं डॉक्टर अविरल वत्स जो स्कॉटलैंड में रहते हैं और दुनिया भर में कोरोना को लेकर जो भी अपडेट आती हैं उन पर नज़र बनाए रखते हैं.

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और ये भी जानिए कि 21 अक्टूबर की तारीख इतिहास के लिहाज़ से अहम क्यों है.. क्या घटनाएं इस दिन घटी थीं. अख़बारों का हाल भी पांच मिनटों में सुनिए और खुद को अप टू डेट कीजिए. इतना कुछ महज़ आधे घंटे के न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.

'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें

 

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