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Raxaul: सीनाजोरी के बाद भी भारत ने नेपाल को दिया ये खास उपहार, जानें वजह

aajtak.in
  • 03 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST
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भारत और नेपाल के संबंधों में इन दिनों खटास नजर आ रही है. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की के पी ओली सरकार भारत के विरोध में चीन के इशारे पर आग उगलती नजर आ रही है. इसके बाद भी भारत ने अपनी वर्षों पुरानी परंपरा को नहीं तोड़ा. हर वर्ष की भांति इस बार भी गांधी जयंती के अवसर पर भारत सरकार ने भारतीय दूतावास,काठमांडू के माध्यम से नेपाल को 41 एम्बुलेंस व छह स्कूल बसें उपहार स्वरूप दी हैं. (इनपुट-गणेश शंकर)

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1994 से चला आ रहा ये सिलसिला
भारत सरकार द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर नेपाल को उपहार देने का ये सिलसिला 1994 से चला आ रहा है. अब तक भारत सरकार द्वारा नेपाल को कुल 823 एम्बुलेंस और 160 स्कूल बसें प्रदान की गई हैं. इसके बाद भी नेपाल का व्यवहार भारत के प्रति बहुत अच्छा नहीं है. के पी ओली सरकार भारत के खिलाफ चीन के इशारे पर आग उगलती नजर आ रही है.

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भारतीय भू भाग को अपना बताकर दोस्ताना रिश्ते में कड़वाहट लाने का प्रयास  किया जा रहा है. इतना ही नहीं भगवान राम पर भी विवाद उत्पन्न कर हिन्दुओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है. नेपाल सरकार ने भगवान राम का जन्म यूपी के अयोध्या में नहीं बल्कि नेपाल के परसा जिले के अयोध्या नाम के गांव में बताया है. नेपाल सरकार ने इस गांव में 40 एकड़ भूमि पर मन्दिर निर्माण का आदेश भी दे दिया है.

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नेपाल के काठमांडू स्थित भारतीय महावाणिज्य दूत एचई विनय मोहन क्वात्रा ने नेपाल के विभिन्न 30 जिलों में यह सहयोग किया है. इसमें से एक बीरगंज, परसा जिला के साहिब दरबार सेवा संस्थान नामक संस्थान को एक एम्बुलेंस दी गई है, जिसे बीरगंज स्थित भारतीय दूतावास के भारतीय  महावाणिज्य दूत नितेश कुमार ने संस्थान के केंद्रीय संयोजक राजेश मान सिंह को हस्तांतरित किया.

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इसी क्रम में इस बार कोविड 19 को देखते हुए उपलब्ध एम्बुलेंस में एडवांस लाइफ सपोर्ट अंतर्गत ट्रैवलिंग वेंटिलेटर, ईसीजी तथा ऑक्सीजन मॉनिटर, ऑटोमेटिक एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर, नेबुलाइजर सेट, रक्तचाप जांच उपकरण सहित अन्य स्वास्थ्य लाभ का सामान प्रदान किया गया है.

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