पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी. राज्य सरकार ने 27 जनवरी से विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया है. पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लेफ्ट पार्टियां और कांग्रेस सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित कराए.
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि हम जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाएंगे और केंद्र के विवादित कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगे. ममता बनर्जी ने कहा कि मैं किसानों का समर्थन करती हूं और इन तीनों कृषि कानूनों की वापसी चाहती हूं. पश्चिम बंगाल से पहले केरल, दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो चुका है.
देखें: आजतक LIVE TV
बता दें कि देशभर में इन तीनों कृषि कानून का विरोध हो रहा है. पंजाब, हरियाणा समेत कई प्रदेशों के किसान पिछले 44 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. सरकार और किसान नेताओं की अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही है. आज शुक्रवार को भी सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता हुई, जिसमें कोई हल नहीं निकला. अब 15 जनवरी को अगले दौर की वार्ता होगी.
बंगाल में चुनाव से पहले ममता का फैसला
पश्चिम बंगाल में कुछ ही महीनों में विधानसभा का चुनाव होना है और इस बार बीजेपी बंगाल में टीएमसी के लिए चुनौती बन रही है. ऐसे में टीएमसी सरकार लगातार आक्रामक रुख अपनाई हुई है. टीएमसी मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. पार्टी ने सरकार की कई नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है और ममता बनर्जी ने खुलकर बयान भी दिया है. ऐसे में अब विधानसभा चुनाव से पहले कृषि कानूनों के मुद्दे पर टीएमसी मोदी सरकार को घेरने में जुट गई है.
इंद्रजीत कुंडू