पश्चिम बंगाल के चुनावी युद्ध की रणभेरी बज चुकी है. जनता को अपने-अपने वादों से लुभाने के लिए बीजेपी और टीएमसी में रस्साकशी जारी है. टीएमसी के सामने जहां अपना गढ़ बचाने की चुनौती है, वहीं बीजेपी सत्ता पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. टीएमसी ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है, लेकिन बीजेपी अभी तक अपना मेनिफेस्टो पेश नहीं कर पाई है. सूत्रों के मुताबिक, 21 मार्च की शाम गृहमंत्री अमित शाह बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र जारी करेंगे.
हालांकि, बीजेपी का मेनिफेस्टो अभी सामने नहीं आया है, लेकिन बीजेपी के 'संकल्प पत्र' में जिन बातों की संभावना जताई जा रही है, उनकी फेहरिस्त कुछ ऐसी हो सकती है.
बीजेपी अपने मेनिफेस्टो में बंगाल में 5 साल में एक करोड़ लोगों की नौकरी का वादा कर सकती है. यही नहीं बीजेपी बंगाल में राज्य नीति आयोग की स्थापना का भी वादा कर सकती है. पार्टी लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की बात भी अपने मेनिफेस्टो में रख सकती है.
इसके अलावा कट मनी यानी तोलाबाजी और सिंडिकेट राज को खत्म करने का ऐलान भी बीजेपी कर सकती है. बीजेपी अपने विजन डॉक्यूमेंट में शारदा और रोज वैली चिट फंड घोटालों की जांच में तेजी लाने की बात भी रख सकती है. साथ ही राजनीतिक हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए विशेष पुनर्वास पैकेज का वादा भी उसके मेनिफेस्टो में हो सकता है.
पिछले दस सालों में हिंसा की घटनाओं में मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवार वालों के लिए भी बीजेपी के मेनिफेस्टो में राहत पैकेज का ऐलान हो सकता है. स्कूली किताबों से कथित भारत विरोधी, हिंदू विरोधी और जेहादी समर्थक सामग्री को हटाने का ऐलान हो सकता है. इसके साथ ही सभी मदरसों में आम स्कूलों की तरह सिलेबस की बात पार्टी के मेनिफेस्टो में शामिल हो सकती है.
बांग्लादेश से आने वाले हिंदुओं को नागरिकता देने के लिए सीएए लागू करने का ऐलान भी बीजेपी कर सकती है. बंगाल के लिए बीजेपी के मेनिफेस्टो (विजन डॉक्यूमेंट) में उत्तरी बंगाल के विकास, हाईवे, चाय उद्योग को बढ़ावा देने की बात भी हो सकती है. साथ ही किसानों को 18 हजार रुपये सालाना देने की बात भी मेनिफेस्टो में शामिल की जा सकती है.
अपने संकल्प पत्र में बीजेपी बंगाल की जनता को ये यकीन दिलवाने की कोशिश करेगी कि डबल इंजन वाली सरकार के दौर में बंगाल विकास की उड़ान भरेगा.
गौरतलब है कि बीजेपी से पहले ममता बनर्जी ने बुधवार को ही अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया था. ममता ने 146 पन्नों के अपने मेनिफेस्टो में जहां पिछले 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं तो कई वादे भी किए. नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ साथ किसानों और गरीबों के विकास के लिए कई योजनाएं भी गिनाईं.
आजतक ब्यूरो
पॉलोमी साहा / इंद्रजीत कुंडू