बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इंडिया गठबंधन की 'वोटर अधिकार यात्रा' के बाद अब तेजस्वी यादव ने अपनी 'बिहार अधिकार यात्रा' शुरू की है. यह यात्रा अगले पांच दिनों में 10 जिलों की 66 सीटों तक पहुंचेगी, जिसका समापन 20 सितंबर को वैशाली में होगा. इस यात्रा का घोषित उद्देश्य बिहार में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ आवाज उठाना है. वहीं, एनडीए में बीजेपी और जेडीयू एक साझा घोषणापत्र जारी करने की तैयारी में हैं, लेकिन मुख्यमंत्री चेहरे और सीट बंटवारे को लेकर बयानबाजी जारी है, जहाँ जीतन राम मांझी 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कह रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में तेजस्वी की यात्रा को मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के तौर पर भी देखा जा रहा है. इस बीच, बिहार के विकास मॉडल, एयरपोर्ट-सड़कों की स्थिति, पलायन की समस्या, और अपराध की घटनाओं पर भी तीखी बहस छिड़ी हुई है. दोनों गठबंधनों के भीतर नेतृत्व और सीटों को लेकर चल रही खींचतान ने बिहार की राजनीति को दिलचस्प बना दिया है.