प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड के दौरे पर थे. पीएम मोदी को देवघर से दिल्ली आना था, लेकिन पीएम के विमान में तकनीकी खराबी आ गई. इसके चलते विमान को देवघर एयरपोर्ट पर ही रुकना पड़ा, जिससे उनके दिल्ली लौटने में कुछ देरी हुई.
देवघर से पहले पीएम मोदी बिहार के जमुई पहुंचे. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समुदायों के योगदान को मान्यता न देने पर पिछली कांग्रेस नीत सरकारों की आलोचना की. कांग्रेस या किसी का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि सारा श्रेय सिर्फ एक पार्टी और एक परिवार को देने का प्रयास किया गया. उन्होंने सवाल किया कि अगर हमारे देश को एक परिवार की वजह से आजादी मिली, तो बिरसा मुंडा ने 'उलगुलान' आंदोलन क्यों शुरू किया?
पीएम मोदी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के आदिवासी समुदाय को पिछली सरकारों के तहत वह मान्यता नहीं मिली, जिसके वे हकदार थे. भारत के आदिवासी समुदाय को पहले न्याय नहीं मिला. कई आदिवासी नेताओं ने देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पीएम मोदी, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह की शुरुआत के अवसर पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे. प्रधानमंत्री ने आदिवासी आबादी के प्रति अपने सम्मान को भी दोहराया और कहा कि वे प्रकृति से उनके गहरे जुड़ाव और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली के लिए उनकी "पूजा" करते हैं.
वहीं, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर पीएम मोदी ने X पर पोस्ट किया कि भगवान बिरसा मुंडा जी के आदर्श न केवल जनजातीय, बल्कि देश के सभी समुदायों के युवाओं के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत हैं.
पीएम मोदी ने गिनाए अपनी सरकार के काम
पीएम मोदी ने आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए अपनी सरकार के चल रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बात की और देश के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया. पीएम ने कहा कि मेरी सरकार ने आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए. आदिवासी कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना और आदिवासी विकास के लिए बजट में वृद्धि की. जो 25,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये की गई.
'खेलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे आदिवासी'
प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि सरकार आदिवासी एथलीटों को पोषित करने और बढ़ावा देने के लिए नई खेल सुविधाएं शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि आदिवासी खेलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और हम उनकी प्रतिभा का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश कर रहे हैं. अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने भारत के आदिवासी लोगों की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और संरक्षण में राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया. उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि देश की विविधता और प्रगति में उनके योगदान को मान्यता दी जाए और उनकी रक्षा की जाए.
हिमांशु मिश्रा / अशोक सिंघल