स्कूल ने छात्राओं को बताया लेस्बियन, मंत्री बोले- ये हमारी संस्कृति नहीं

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने कोलकाता के एक स्कूल में हूई घटना पर विवादास्पद बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि लेस्बियनिस्म हमारी संस्कृति के खिलाफ है और स्कूल इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मोहित पारीक

  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 9:21 PM IST

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कोलकाता के एक स्कूल में हुए 'लेस्बियन' विवाद पर विवादास्पद बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि लेस्बियनिस्म हमारी संस्कृति के खिलाफ है और स्कूल इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. बता दें कि हाल ही में कोलकाता के एक स्कूल ने छात्राओं पर लेस्बियन होने का आरोप लगाया था और उन पर स्कूल परिसर में लेस्बियन एक्ट की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कुछ कागजों पर साइन भी करवा लिए.

Advertisement

इस घटना के बाद मंत्री ने कहा कि हमें विश्वास है कि हमें हमारी संस्कृति को बरकरार रखना चाहिए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर स्कूल को कुछ गलत लगता है तो वो स्टूडेंट्स के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई कर सकते हैं. उसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए पता चला कि कुछ लड़कियां लेस्बियन थीं और उसके बाद उन्होंने अपने विभाग को इस मामले की जांच करने के लिए कहा है. वहीं इस मामले को लेकर स्कूल से भी रिपोर्ट मांगी गई है.

गुजरात के समलैंगिक राजकुमार अपने महल में बनाएंगे LGBTQ सेंटर

क्या है पूरा मामला

कोलकाता के एक निजी स्कूल की संचालिका ने दस छात्राओं पर लेस्बियन होने का आरोप लगाया. यह मामला दक्षिणी कोलकाता स्थित कमला गर्ल्स स्कूल का है. परिजनों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं पर दवाब बनाकर लेस्बियन होने की बात कबूल करवाई है और लिखित में एक पत्र भी लिया गया है. वहीं स्कूल संचालिका ने परिजनों के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कुछ छात्राओं ने आरोपी 10 छात्राओं के खिलाफ उनके व्यवहार को लेकर शिकायत की थी. इसके बाद प्रबंधन ने आरोपी छात्राओं को बुलाया और पूछताछ की और उन्होंने पूछताछ में यह बात कबूल कर ली.

Advertisement

समलैंगिक संबंध अपराध है या नहीं? SC की संविधान पीठ करेगी सुनवाई

इस घटना के बाद परिजनों ने स्कूल प्रशासन के आरोपों को गलत और झूठा बताया है. अभिवावकों का कहना है कि अगर दो  लोग हाथ में हाथ डालकर या कंधे पर हाथ रखकर चल रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि दोनों लेस्बियन हैं.  बता दें कि समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को लेकर कई संगठन पिछले कई सालों से कोशिश कर रहे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement