उत्तर प्रदेश सरकार का जरूरी फैसला, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की मनमानी पर रोक

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की मनमानी पर लगायी लगाम. प्राइवेट कॉलेजों की 50 फीसदी सीटें भी सरकारी दरों पर भरी जाएंगी. गरीब और मेधावी छात्रों के लिए सरकार की ओर से एक और तोहफा.

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अनूप श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:30 PM IST

उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस और बीडीएस के एडमिशन के लिए लाखों रुपये वसूलने वाले प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को अखिलेश सरकार ने तगड़ा झटका दिया है. सरकार ने अब इन कॉलेजों में एडमिशन के लिए फीस निर्धारित कर दी है. स्टूडेंट्स को अब एडमिशन के लिए महज 36,000 रुपये फीस देनी होगी. इससे पहले प्राइवेट मेडिकल कॉलेज छात्रों से एडमिशन के नाम पर लाखों रुपये वसूला करते थे.

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सरकार ने लिया जरूरी फैसला...
दरअसल सरकार ने चिकित्सा व शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं. ज्ञात हो कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों के लिए लाखों रुपये वसूला करते थे. जिसकी वजह से मेधावी बच्चे पैसे न होने के चलते एडमिशन नहीं ले पाते थे. हालांकि सरकार ने अब तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की कुल सीटों में से 50 फीसदी सीटें सरकारी फीस पर भरी जाएंगी और ये फीस महज 36,000 होगी.

शनिवार से शुरू हुई काउंसलिंग...
शनिवार से एनईईटी में चयनित छात्रों की काउंसलिंग शुरू हुई हैं. उसके पहले ही सरकार ने यह कानून बना दिया है. सरकार ने प्राइवेट स्कूल के लिए तय किया है कि 2,600 छात्रों को एडमिशन के लिए 36,000 के हिसाब से ही देना होगा भले ही वे प्राइवेट कॉलेज में या फिर सरकारी कॉलेज एडमिशन लें.

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एनईईटी से चयनित हुए छात्रों की काउंसलिंग शुरू होने के बाद करीब 5,400 छात्रों की काउंसलिंग होनी है. सरकार के इस कदम से उन छात्रों को फायदा मिलेगा जो मेधावी होते हुए भी पैसो की कमी के चलते एडमिशन नहीं ले पाते थे और उन्हें निराशा हाथ लगती थी. इसके अलावा इससे निजी क्षेत्र के संस्थाओं के व्यवसायीकरण पर भी रोक लगेगी.

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