आंखों में रोशनी नहीं होने के बावजूद अपने मधुरम संगीत से दुनिया को रोशन करने वाले महान संगीतकार और चोर मचाए शोर, गीत गाता चल, अंखियों के झरोखे से, राम तेरी गंगा मैली, हिना जैसी अनेक फिल्मों के अलावा दूरदर्शन के रामायण, दादा दादी की कहानियां, लवकुश जैसे मशहूर कार्यक्रमों को अपने कर्णप्रिय संगीत से सजाने वाले संगीतकार लेखक रविन्द्र जी जैन की 73वीं जयंती पर नमन करते हैं.
आंखो में रोशनी नहीं थी, लेकिन अपने संगीत से जग रोशन कर दिया. महान संगीतकार-लेखक रवींद्र जैन का जन्म साल 1944 में 28 फरवरी को हुआ. अपनी सुरमयी संगीत और खनकती आवाज़ के दम पर रवींद्र जैन ने आम लोगों में जो जगह बनाई वो लाजवाब है.
1. बचपन में ही जैन भजन और जैन कवियों की कविताएं पढ़नी और गानी शुरू कर दी थीं. उन्होंने दादा-दादी की कहानियां, रामायण और लव कुश जैसे मशहुर कार्यक्रमों को जैन ने अपने संगीत से सजाया.
2. कलकत्ता से फिल्मों में एंट्री हुई और 10 साल बाद मुंबई पहुंचकर क्रांति और बलिदान जैसी फिल्मों में संगीत दिया.
3. फिल्म सौदागर के म्यूजिक रिकॉर्डिग के दौरान पिता का देहांत हो गया. लेकिन काम पूरा किए बिना घर नहीं गए.
4. दक्षिण भारतीय गायक येसुदास को हिंदी फिल्मों में लाने का श्रेय रवींद्र को ही दिया जाता है.
वो फिल्में जिनमें उनके संगीत ने जादू दिखाया
. चोर मचाए शोर
. गीत गाता चला
. चितचोर
. अंखियों के झरोखे से
. हिना
. राम तेरी गंगा मैली
मेधा चावला