वसंत वैली के ड्रामा फेस्टिवल में बच्चों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्‍सा

बच्चों के एक्सप्रेशन को एक नाटक में पिरोना आसान नहीं होता लेकिन ड्रामे से जुडी हर चीज़ बच्चों को अपनी तरफ इतनी आकर्षित कर लेती हैं कि हर बच्चा अपनी हिचक को छोड़ मंच पर खड़ा होना चाहता हैं.

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वसंत वैली के ड्रामा फेस्टिवल में बच्‍चों ने लिया हिस्‍सा वसंत वैली के ड्रामा फेस्टिवल में बच्‍चों ने लिया हिस्‍सा

प्रियंका सिंह

  • नई दिल्‍ली,
  • 22 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

बच्चों के एक्सप्रेशन को एक नाटक में पिरोना आसान नहीं होता लेकिन ड्रामे से जुडी हर चीज़ बच्चों को अपनी तरफ इतनी आकर्षित कर लेती हैं कि हर बच्चा अपनी हिचक को छोड़ मंच पर खड़ा होना चाहता हैं.

बच्चों और ड्रामे के इसी कनेक्शन को और मजबूत बनाने के लिए वसंत वैली स्कूल ने अपने 25वें ड्रामा फेस्टिवल का आगाज़ किया जिसमें 9 से 11 साल तक की उम्र के बच्चों ने हिस्सा लिया. पहले दिन 6 स्कूलों ने अपने-अपने नाटक का मंचन प्रस्तुत किया.

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ड्रामा फेस्टिवल की थीम 'जल्दी जल्दी' के तहत स्कूलों ने अपने अपने नाटक प्रस्तुत किए. म्यूजिक डांस और एक्टिंग को मिलाकर एक ड्रामा तैयार होता हैं और इसीलिए स्कूलों ने इन सभी एलिमेंट्स को ड्रामा में डालकर मंच पर उतारने की एक बहुत सुंदर कोशिश की. बच्चों ने नाटक के बीच में डांस और म्यूजिक की प्रस्‍तुति दी.

बच्‍चों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्‍सा
बच्चे भी ड्रामा परफॉर्म करने के बाद बहुत ही खुश नज़र आये. बच्चे अपने कपड़े और मेकअप को लेकर बेहद एक्सटिटेड दिखे. 8 साल की श्रेयसी के मुताबिक़ वो ड्रामा इसलिए करती हैं क्‍योंकि उन्हें मेकअप और कॉस्ट्यूम का बहुत शौक है. 9 साल के अविरल ने बताया कि उन्हें स्टेज पर जाना और तालियों की आवाज सुनना अच्छा लगता हैं.

फेस्टिवल में कुल 18 स्कूल हिस्सा लेंगे
बच्चों नाटक सिखाना कितना मुश्किल होता हैं इस बात का हम सिर्फ अंदाजा लगा सकते हैं. क्‍योंकि बच्चों के कोमल मन में अलग-अलग एक्सप्रेशन डालना एक नाटक टीचर के लिए किसी चुनौती से कम नही होता. वसंत वैली स्कूल में ड्रामा टीचर मोहित मुखर्जी ने बताया की बच्चों में बड़ों के मुकाबले ज्यादा पोटेंशियल होता हैं लेकिन बच्चों के साथ बहुत धैर्य रखने की ज़रूरत होती है. तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में कुल 18 स्कूल हिस्सा लेंगे जिसमें से पहले दिन 6 स्कूलों ने अपनी प्रस्तुति दी और सबकी तारीफे बटोरी. पहले ही दिन मंच पर बच्चों की बेमिसाल प्रतिभा ने बाकी दो दिनों के लिए एक्साइटमेंट को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है.

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