वैदिक मैथ्स की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए जनरल ऑफ स्कूल एजुकेशन के डायरेक्टर प्रदीप अग्रवाल ने नई परीक्षा नीति लागू की है. इसके तहत राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 19 जनवरी को 50 नंबर का वैदिक मैथ्स टेस्ट आयोजित किया जाएगा. इसमें छठी से लेकर 10वीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स को बैठना होगा.
टेस्ट का रिजल्ट भी उसी दिन शाम 4 बजे तक डीजीएसई के ऑफिस पहुंच जाएगा. डिस्ट्रिक एजुकेशन ऑफिसर सारे स्कूलों की लिस्ट बनाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किन स्कूलों में यह टेस्ट नहीं हुआ है और उसकी रिपोर्ट वह उसी दिन डीजीएसई के ऑफिस भेजेंगे. वैदिक टेस्ट कराने का उद्देशय बच्चों को गणित की सही जानकारी देना है.
मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से इस परीक्षा को कराने के लिए 3 लाख 50 हजार रुपये का फंड दिया गया है. टेस्ट से पहले 5,000 मैथ्स टीचर्स को तीन दिन की वैदिक मैथ्स की ट्रेनिंग भी दी गई है.
पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनियर मैथ्स प्रोफेसर राकेश कुमार नागाचि का कहना है कि संस्कृत के श्लोकों में लिपटा देश का गणित ज्ञान आधुनिक पीढ़ी में पुराना न पड़ जाए, इसलिए वैदिक मैथ को एक बार फिर से पढ़ाई का माध्यम बनाना होगा. वैदिक मैथ्स में सरल और रोचक तरीकों के जरिए इस जटिल और कठिन विषय को पढ़ाया जाता है.
वन्दना यादव