नहीं थमा शिक्षकों का आक्रोश दिल्ली विधानसभा के पास प्रदर्शन

सरकारी स्कूल में चलती क्लास रूम के अंदर शिक्षक की हत्या से दिल्ली के स्कूलों के शिक्षक भड़क उठे हैं. इसके विरोध में जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी करने के साथ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ हाय हाय के नारे लगे.

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प्रदर्शन करते स्‍कूल टीचर प्रदर्शन करते स्‍कूल टीचर

अंकित यादव

  • नई दिल्‍ली,
  • 29 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

सरकारी स्कूल में चलती क्लास रूम के अंदर शिक्षक की हत्या से दिल्ली के स्कूलों के शिक्षक भड़क उठे हैं. मंगलवार को 6 घंटे तक दिल्ली के हाईवे जाम करने के बाद बुधवार को शिक्षकों ने दिल्ली विधानसभा के पास प्रदर्शन किया इस प्रदर्शन में जमकर नारेबाजी की दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के हाय हाय के नारे लगे.

आज भी पढ़ाई ठप सुबह से ही शुरु हो गया प्रदर्शन
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आज परीक्षा थी, इसके बावजूद शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार करते हुए दिल्ली विधानसभा के पास प्रदर्शन किया शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की और शिक्षा निदेशक के कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जाए.

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मानी जा सकती है आज ही मांगे
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षा निदेशक ने उन्हें बात करने के लिए बुलाया है. जिन मांगों पर सहमति बनी है उनमें सबसे प्रमुख है कि इस स्कूल का नाम मृतक शिक्षक मुकेश के नाम पर किया जाए. स्कूल के अंदर मृतक शिक्षक मुकेश की मूर्ति लगाई जाए वही मुआवजे पर कोई नई मांग नहीं मानी गई है. गौरतलब है दिल्ली सरकार ने मृतक मुकेश के परिवार वालों को एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी है.

दिल्ली सरकार की नीतियां हैं दोषी-शिक्षक
प्रदर्शन के दौरान जमकर भाषणबाजी भी हुई शिक्षकों ने अपनी-अपनी बातें सबके सामने रखी इनका कहना था कि मुकेश की हत्या किसी बच्चे ने नहीं की है बल्कि दिल्ली सरकार की नीतियों ने यह परिस्थितियां बना दी कल शिक्षकों ने इसके लिए दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया है शिक्षकों ने कहा है कि जब से सिसोदिया ने कुर्सी संभाली है शिक्षा का स्तर नीचे चलता जा रहा है.

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प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर आने वाले दिन भी इनकी मांगे नहीं मानी गई है तो आने वाले विधानसभा सत्र को चलने नहीं दिया जाएगा. विधानसभा का घेराव किया जाएगा यहां तक कि नेताओं को घर से निकलना मुश्किल कर दिया जाएगा.

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