UP: सरकार ने वापस लिया फैसला, Selfie न भेजने वाले टीचर्स की नहीं कटेगी सैलरी

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना फैैसला वापस लेते हुए कहा है कि अगर टीचर्स अटेंडेंस दर्ज कराने के लिए सेल्फी पोस्ट नहीं करते हैं तो उनकी सैलरी नहीं काटी जाएगी.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 3:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में सुबह प्रार्थना के दौरान सेल्फी खींचकर न भेजने वाले शिक्षकों का वेतन काटने का फैसला राज्य सरकार ने वापस ले लिया है. बता दें, कुछ पहले कुछ दिन पहले खबर आई थी कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों उपस्थिति दर्ज कराने के लिए निर्धारित कक्षाओं के सामने अपनी सेल्फी भेजने को कहा गया था. साथ ही कहा गया था कि अगर कोई शिक्षक ऐसा नहीं करता है तो उनकी सैलरी काट दी जाएगी.

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प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने विधान परिषद में शून्यकाल के दौरान कार्यस्थगन की एक सूचना पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सेल्फी न भेजने वाले शिक्षकों का उस दिन का वेतन काटने का आदेश वापस ले लिया गया है.

शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा, हेम सिंह पुंडीर और अन्य सदस्यों ने सूबे के विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा गत 20 जून को पत्र के माध्यम से सरकारी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को रोज सुबह पाठशाला में प्रार्थना के दौरान सेल्फी खींचकर जिम्मेदार अधिकारी को भेजने के आदेश को नियम विरुद्ध करार देते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया.

पुंडीर और शर्मा ने कहा कि सेल्फी खींचकर भेजने की व्यवस्था में प्रोत्साहन के साथ दंड भी लगा दिया गया है, जो उचित नहीं है.बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा ने कहा कि गांवों के लोग शिक्षकों के समय पर विद्यालय न आने की शिकायत करते हैं. इसीलिए स्कूलों में सेल्फी की व्यवस्था लागू की गई है. सरकार शिक्षकों के साथ है और उनका किसी भी सूरत में अपमान नहीं करना चाहती.

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मालूम हो कि प्रदेश सरकार ने बीते माह जारी आदेश में प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए सुबह प्रार्थना के दौरान बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भेजना अनिवार्य कर दिया था. ऐसा न करने वाले शिक्षकों का उस दिन का वेतन काटने को भी कहा था.

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