उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों को शामिल किए जाने की घोषणा के बाद कई कट्टर लोगों ने सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं आगरा के शाहगंज स्थित मदरसा 'मोईनुल इस्लाम दौरेठा' ऐसे लोगों के लिए मिसाल बन कर सामने आया है.
योगी सरकार का मदरसों को फरमान, हिंदी में भी लिखें मदरसों का नाम
इस मदरसे में कई सालों से हिंदी, इंग्लिश की तालीम दी जा रही है जिसमें वर्तमान में 450 छात्र-छात्राएं हैं. हिंदुस्तान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इस मदरसे में करीब 10 साल तक एक भी हिंदू छात्र नहीं था, लेकिन आज 202 हिंदू छात्र इस मदरसे में तालीम लेने आते हैं. हिंदू हो या मुस्लिम सभी छात्र एक ही छत के नीचे पढ़ते हैं.
यूपी के मदरसों में अब NCERT की किताबों से होगी पढ़ाई, मदरसा बोर्ड कर रहा है तैयारी
बता दें कि इसमें पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम छात्र संस्कृत, हिंदी के साथ उर्दू और अरबी भाषा सीखने में भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं. कक्षा 1 से दसवीं तक की तालीम देने के लिए 14 मौलाना और 4 शिक्षक नियुक्त किए गए हैं.
‘मदरसे दीनी तालीम के लिए, कुछ भी गाने या वीडियोग्राफी की इजाजत नहीं’
मदरसे के प्रधानाचार्य मौलाना उजैर अलाम का कहना है कि 'मदरसे में सभी धर्म के छात्र एक साथ पढ़ते हैं. छात्र-छात्राओं को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, साइंस और कम्प्यूटर की तालीम दी जाती हैं. वहीं हिंदू छात्र दीनी तालिम लेना पसंद कर रहे हैं'.
अनुज कुमार शुक्ला