...ये ना होते तो पारा बुखार ना बताता

दुनिया में हमेशा से कुछ ऐसे लोग रहे हैं जिनके होने और न होने से इस दुनिया में बहुत फर्क पड़ जाता. आज यदि किसी के तपते बदन का हम सही-सही अंदाजा लगा पाते हैं तो उसके लिए मर्करी थर्मामीटर को बनाने का काम करने वाले का शुक्र‍िया अदा करना चाहिए.

Advertisement
 Daniel Gabriel Fahrenheit Daniel Gabriel Fahrenheit

वंदना भारती

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST

दुनिया में हमेशा से कुछ ऐसे लोग रहे हैं जिनके होने और न होने से इस दुनिया में बहुत फर्क पड़ जाता. आज यदि किसी के तपते बदन का हम सही-सही अंदाजा लगा पाते हैं तो उसके लिए मर्करी थर्मामीटर को बनाने का काम करने वाले का शुक्र‍िया अदा करना चाहिए.

आपने कभी सोचा है कि जिस मर्करी थर्मामीटर के जरिये बुखार चेक किया जाता है उसे किसने बनाया.

Advertisement

...तो इन्होंने किया था 4,400 जानवरों और 7,700 पौधों का नामकरण

आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने वाले हैं, जो ना होते तो बुखार का सटीक अंदाजा लगाना मुश्क‍िल होता. यहां तक कि घर-बाहर का तापमान पता लगाना भी नामुमकिन होता.

हम बात कर रहे हैं पोलैंड के वैज्ञानिक डेनियल गैब्रियल फैरेनहाइट के बारे में. डेनियल ने मर्करी थर्मामीटर बनाया, जिससे आज बुखार और मौसम के तापमान का पता लगाया जाता है.

पढ़ें-कैसे रची गई थी राजीव गांधी की हत्या की साजिश

डेनियल का जन्म 24 मई 1686 में हुआ था.

डेनियल को ये बात पता थी कि वो एक ऐसा काम कर रहे हैं, जिससे दुनिया में बहुत कुछ बदलने वाला है. लेकिन उन्होंने 18 साल तक थर्मामीटर बनाने की प्रक्रिया को गोपनीय बनाए रखा.

हालांकि शुरुआत में थर्मामीटर में पारे की जगह शराब का इस्तेमाल किया गया. लेकिन ये प्रयोग सफल नहीं रहा. इससे बिलकुल सटीक तापमान का पता नहीं लगाया सका था. जब डेनियल ने शराब की पारे का इस्तेमाल किया, उसके बाद नतीजे संतोषजनक पाए गए.

Advertisement

उन्होंने डेनमार्क के एस्ट्रोनॉमर ओलॉस रोमर के अल्कोहल थर्मामीटर से प्रेरणा ली.

इस दिन बनी थीं हमारी पहली Miss Universe

उनका एक इंडियन कनेक्शन भी है. अप्रेंटिसशिप में हिस्सा लेने की वजह से उन्हें भारत निर्वासित किया जाने वाला था.

साल 2012 में क्रिस्टीज में नीलामी के दौरान उनके बनाए गए शुरुआती थर्मामीटर को $1,07,802 में खरीदा गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement