जनसंख्या-क्षेत्रफल-बिजनेस: जानिए भारत और चीन एक-दूसरे से कहां और कितने अलग

चीन ने दुनिया को संभावित युद्ध की खौफनाक चेतावनी जारी की है, ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से अक्साई चिन क्षेत्र में सड़क के किनारे चीनी सेना के बड़े मूवमेंट के संकेत मिलते हैं. आइए जानते हैं जनसंख्या, क्षेत्रफल और अन्य मामलों में चीन और भारत कहां खड़े हैं.

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भारत चीन सीमा के बीच स्थि‍त एक इलाके की तस्वीर भारत चीन सीमा के बीच स्थि‍त एक इलाके की तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2020,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

अक्साई चिन लद्दाख का वही हिस्सा है जिस पर चीन ने 1962 युद्ध के बाद से कब्जा कर रखा है. अब एक बार फिर चीन के रुख ने भारत को हैरानी में डाल दिया है. एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है, चीन ने अपना अलग ही रुख दिखाया है. ऐसे में आइए जानते हैं भारत और चीन के बीच किन किन क्षेत्रों में कैसी भि‍न्नताएं हैं.

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क्षेत्रफल में एक तिहाई है भारत, जनसंख्या में भी कम

क्षेत्रफल की बात करें तो चीन 96 लाख वर्ग किलोमीटर में पसरा है जबकि भारत का एरिया 33 लाख वर्ग किलोमीटर से भी कम है, लेकिन भौगोलिक स्थ‍ितियों के लिहाज से भारत उनसे काफी बेहतर है. इसी तरह आंकड़ों के हिसाब से भारत की आबादी चीन से कम है, लेकिन क्षेत्रफल की तुलना से देखें तो यहां जनसंख्या घनत्व पहले ही चीन से आगे निकल चुका है.

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संयुक्त राष्ट्र की साल 2019 में जारी रिपोर्ट के अनुसार चीन की आबादी 143 करोड़ है जबकि भारत की जनसंख्या 137 करोड़ है. इस तरह चीन की आबादी भारत से सिर्फ छह करोड़ ज्यादा है.

आंकड़ों में देखें

क्षेत्रफल

भारत: 32,87,469 वर्ग किलोमीटर, चीन: 95,96,960 वर्ग किलोमीटर

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जनसंख्या

भारत: 1.32 अरब, चीन: 1.37 अरब .

जीडीपी

भारत: 2,256 अरब डॉलर, चीन: 11,218 अरब डॉलर

प्रति व्यक्ति जीडीपी

भारत: 6,616 डॉलर, चीन: 15,399 डॉलर

प्रति व्यक्ति आय

भारत: 1,743 डॉलर, चीन: 8,806 डॉलर

बिजनेस में चीन की अपेक्षा कहां खड़ा है भारत

अगर बिजनेस की बात करें तो 2005 में चीन का व्यापार 8 बिलियन डॉलर था और 2018 में यह 52 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. ब्रुकिंग्स इंडिया के दो दिन पहले जारी अध्ययन के अनुसार दक्षिण एशिया दुनिया के सबसे कम आर्थिक रूप से एकीकृत क्षेत्रों में से एक है. तमाम वजहों से इस क्षेत्र की वैश्विक व्यापार में भागीदारी 5% से भी कम है यानी अन्तरक्षेत्रीय व्यापार अपनी क्षमता से भी कम है.

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चीन ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद थोड़ी गिरावट के साथ दक्षिण एशिया के साथ अपने व्यापार में लगातार वृद्धि की. साल 2014 में चीन का व्यापार 60.41 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि भारत ने लगभग एक तिहाई कारोबार किया जो 24.70 बिलियन डॉलर था. वहीं दक्षिण एशिया के साथ चीन का व्यापार वॉल्यूम लगातार बढ़ा है, पाकिस्तान को छोड़कर यह अंतर लगभग आधा हो जाता है. इस अंतर को 2006 में हस्ताक्षरित चीन-पाकिस्तान मुक्त व्यापार समझौते के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापार में काफी वृद्धि की.

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