इस सप्ताह बिहार 12वीं बोर्ड के रिजल्ट जारी होने के बाद से बवाल मचा है. 64 प्रतिशत छात्रों के फेल होने की बात किसी को हजम नहीं हो रही है.
जहां एक ओर रिजल्ट जारी होने के बाद कई अनियमितताओं की बात सामने आई है, वहीं छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. फेल हो गए और कम अंक हासिल करने वाले छात्र पचा नहीं पा रहे हैं कि उनका रिजल्ट इतना खराब कैसे रहा. इन छात्रों के माता-पिता ने अब आरोप लगाया है कि बिहार बोर्ड में 12वीं के परीक्षापत्रों को प्राइमरी और 8वीं तक के टीचर्स से जंचवाया गया है. यही कारण है कि उनके बच्चों का परिणाम इस कदर खराब रहा है.
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क्यों लगा आरोप
देश में अब तक का सबसे खराब रिजल्ट बिहार 12वीं बोर्ड का रहा है. परिणाम आने के बाद 64 प्रतिशत छात्र फेल हो गए. इनमें कई मेधावी छात्र भी शामिल हैं.
किसने जांची कॉपियां
खबरों के अनुसार, छात्रों के अभिभावक आरोप लगा रहे हैं कि कॉपियां प्राइमरी ओर 8वीं तक के टीचर्स ने जांची हैं. इसका कारण है सीनियर टीचर्स की हड़ताल.
टीचर्स की हड़ताल
गौरतलब है कि अप्रैल माह में सीनियर टीचर्स हड़ताल पर चले गए थे. उस दौरान 10वीं, 12वीं की कॉपियां जांचने का काम अधर में लटक गया था. काफी समय तक कॉपियां जांचने का काम शुरू नहीं हो सका था. जहां हर बार 12वीं की कॉपियां जांचने का काम 15 मार्च से शुरू हो जाता है, वहीं इस बार ये 8 अप्रैल तक आरंभ नहीं हो सका था.