मथुरा के गोपाल बने ISRO में वैज्ञानिक, पिता करते हैं वेल्डिंग का काम

वैज्ञानिक पद पर चुने जाने के बाद गोपाल के परिवार मे खुशी का माहौल है. उनके पिता का कहना है कि मेरे बेटे का बचपन से ही रॉकेट उड़ाने का सपना था.

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 Krishan Gopal Krishan Gopal

अनुज कुमार शुक्ला

  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:38 PM IST

मेहनत और जज्बा ही एक आम इंसान को सफलता की बुलंदियों पर लाकर खड़ा देता है. मथुरा की गलियों में रहने वाले 24 साल के कृष्ण गोपाल ने वो कर दिखाया, जिस पर उनका परिवार ही नहीं बल्कि पूरा देश गर्व कर रहा है.

बता दें, गोपाल का चयन इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन) में वैज्ञानिक पद के लिए हुआ है. उनके पिता रिफायनरी क्षेत्र में बेल्डिंग की दुकान में काम करते हैं. गोपाल का सपना है कि वह एक दिन रॉकेट उड़ाएं.

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परिवार में खुशी का माहौल

वैज्ञानिक पद पर चुने जाने के बाद  गोपाल के परिवार मे खुशी का माहौल है. उनके पिता का कहना है कि मेरे बेटे का बचपन से ही रॉकेट उड़ाने का सपना था. जो अब पूरा होने जा रहा है.

स्कॉलरशिप के सहारे दी परीक्षा

गोपाल एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में उन्होंने स्कॉलरशिप के सहारे फरवरी 2017 में इसरो की परीक्षा दी थी. इस परीक्षा में देशभर के 300 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया. जिसमें केवल 34 उम्मीदवार ही इसरो की परीक्षा पास कर सके.

परिवार में खुशी का माहौल

वैज्ञानिक पद पर चयन होने से उसके परिवार मे खुशी का माहौल है. गोपाल के पिता का कहना है कि मेरे बेटे का बचपन से ही रॉकेट उड़ाने का सपना था. अपनी इस कामयाबी के जरिए उसने परिवार ही नहीं बल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है.

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स्कॉलरशिप के सहारे गोपाल ने फरवरी 2017 मे इसरो की परीक्षा दी. इस परीक्षा के लिए देशभर के 3 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया. जिसमें 300 उम्मदवार सफल हुए. जिनमें गोपाल का नाम शामिल था. फिर 22 सितंबर 2017 को दिल्ली में साक्षात्कार हुआ. इसके बाद 34 उम्मीदवार चुनें गए. कृष्ण गोपाल का नाम 32वें नंबर पर था.

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यहां से की पढ़ाई

गोपाल ने यूपी बोर्ड से अपनी पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के कॉलेज से बीटेक (मैकेनिकल) किया.

बहनों की पढ़ाई पर ध्यान

गोपाल ने अपनी सफलता के लिए परिवार को धन्यवाद दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनकी दो बहने हैं. अब गोपाल का ध्यान बहनों की पढ़ाई के ऊपर है.

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