500 में से 499 नंबर! बहुत पढ़ाकू हैं राजस्थान बोर्ड की सेकेंड टॉपर तरुणा, जानिए- कैसे की तैयारी

राजस्थान बोर्ड की सेकेंड टॉपर ने 12वीं साइंस की परीक्षा में 99.80 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. टॉपर तरुणा चौधरी ने बताया कि वह इस परीक्षा के लिए 5 से 6 घंटे पढ़ाई किया करती थीं. इसका श्रेय उन्होंने परिवार वालों को दिया है.

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Rajasthan Board second topper Taruna Chaudhary Rajasthan Board second topper Taruna Chaudhary

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

Rajasthan Board Topper: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने सोमवार को 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया. इस बार बेटों की तुलना में बेटियों ने बाजी मारी है. पहले और दूसरे स्थान पर लड़कियां रही हैं. पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले की बेटी तरुणा चौधरी ने साइंस और मैथ्स में 99.80 अंकों के साथ जिले में दूसरा स्थान लाकर टॉप किया है. पूरे राजस्थान में तरुणा दूसरे स्थान पर रही हैं. तरुणा ने आजतक से बातचीत में बताया कि वह आगे सिविल सर्विस की तैयारी करेंगी. 

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तरुणा राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय के एक निजी स्कूल की छात्रा हैं. जो अपनी इस सफलता का श्रेय दादा रामलाल और दादी मूली देवी को देती हैं. तरुणा ने राजस्थान तक से बातचीत करते हुए कहा कि स्कूल के मॉक टेस्ट से हर बार अपने आप में कमियां पहचानीं और टीचर्स का सहयोग लेकर कमियों को सॉल्व किया. दादा पढ़ाई के लिए मोटिवेट करते रहे तो दादी ने घर के काम के साथ हर जरूरत का ख्याल रखा. हर रोज 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थी, इसी की बदौलत यह सफलता मिली है.

दादा ने पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी

राजस्थान तक से बातचीत में तरुणा ने कहा कि रात को अच्छी नींद आ गई थी. लेकिन, सुबह 11 बजे नर्वसनेस हो रही थी. ये बात दादा को बताई तो दादा ने कहा कि तुम चिंता ना करो, तुम 99 प्रतिशत मार्क्स लाओगी. तरुणा ने बताया कि मैंने ही पहले रिजल्ट देखा, उम्मीद थी कि अच्छे मार्क्स आएंगे. लेकिन, जैसे ही पता चला कि प्रदेश में दूसरे नंबर पर हूं तो इसकी बहुत खुशी हुई. 

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मां टीचर तो पिता एडवोकेट

तरुणा की मां कमला चौधरी सरकारी टीचर हैं तो पिता विष्णु भगवान एडवोकेट हैं. तरुणा की इस सफलता से दादा-दादी और माता-पिता बेहद खुश हैं. पेरेंट्स का स्पष्ट तौर पर कहना है कि आज के समय में बेटा-बेटी दोनों बराबर हैं, पढ़ाई बेहद जरूरी है. इसलिए बेटा हो या बेटी दोनों को पढ़ाना चाहिए, क्योंकि शिक्षा ही वो सीढ़ी है जिससे हर मुकाम को पाया जा सकता है.

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